महाराष्ट्र के सोलापुर में राजेंद्र चव्हाण नाम के किसान को पांच क्विंटल यानी 500 किलो प्याज़ बेचने के बाद महज़ दो रुपये का चेक मिला है.
बोरगांव के रहने वाले राजेंद्र तुकाराम ने दस बोरी प्याज़ भेजी, लेकिन हाथ में दो रुपये का चेक ही लगा. चेक मिलने के बाद हर तरफ गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है, वहीं किसान ने आत्मदाह करने की धमकी दी है.
उन्होंने दो एकड़ खेत में प्याज़ लगाए हैं. 17 फरवरी को राजेंद्र 10 बोरी प्याज़ सोलापुर बेचने गए थे.
दस बोरी प्याज़ का वज़न 512 किलो हुआ, लेकिन प्याज़ की कीमतों में गिरावट की वजह से राजेंद्र को एक रुपये प्रति किलो के भाव से रुपये मिले.
प्याज़ को लाने- तारने और तोलने पर जो खर्च हुआ उसके बाद राजेंद्र के हाथ में महज़ दो रुपये ही बचे.
फरवरी के आखिर में मानसूनी प्याज़ आने लगता है. नमी के कारण इस प्याज़ को स्टोर नहीं किया जा सकता. इसलिए इस प्याज़ के दाम अच्छे नहीं मिल पाते.
थोक बाज़ार में प्याज़ की कीमत छह से सात रुपये प्रति किलो है वहीं खुदरा बाज़ार में यह कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो है.
घरेलू उपयोग के लिए स्टोर करने के लिए केवल सूखे प्याज़ की ज़रूरत होती है, लेकिन यह फिलहाल बाज़ार में उपलब्ध नहीं है. इस सूखे प्याज़ के मार्च के दूसरे सप्ताह में बाज़ार में पहुंचने की उम्मीद है.