नए आपराधिक कानूनों पर मनीष तिवारी ने उठाए सवाल- ‘कानून मंत्री पूरा सच नहीं बता रहे’

नए आपराधिक कानूनों पर मनीष तिवारी ने उठाए सवाल- ‘कानून मंत्री पूरा सच नहीं बता रहे’

1 जुलाई 2024 से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोलकाता में कहा कि नए आपराधिक कानून सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर लाए गए थे.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री पूरा सच नहीं बता रहे हैं.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”अर्जुन राम मेघवाल पूरा सच नहीं बता रहे हैं. तीन नए आपराधिक कानूनों को विपक्षी दलों के 146 सांसदों को सस्पेंड करने के बाद अपनी मर्जी से पास किया गया था.”

तिवारी ने कहा, ”इसका मतलब है कि ये तीन कानून संसद के एक धड़े का ही पक्ष दिखाते हैं जो संसद की ट्रेजरी बेंच पर बैठते हैं. ये समूचे संसद के सामूहिक ज्ञान को नहीं दर्शाते.”

उन्होंने कहा, “यहां तक कि गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्यों ने जो विपक्ष में विचार रखे थे उन्हें माना भी नहीं गया. 1 जुलाई 2024 से इन तीनों कानूनों का लागू होना भारतीय लीगल सिस्टम में पानी फेंकने के बराबर होगा.”

मनीष तिवारी का कहना है कि इन कानूनों को लागू होने से तब तक रोका जाना चाहिए जब तक समूची संसद इसपर विचार-विमर्श न कर ले. इन कानूनों के कुछ प्रावधान भारतीय गणराज्य द्वारा दिए गए नागरिक स्वतंत्रताओं पर आघात करते हैं.

दरअसल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोलकाता में आयोजित एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर आयोजित एक सेमीनार में अपनी बात रखी थी.

उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने आपराधिक कानूनों को बनाने और संसद में पास करने से पहले सभी राज्यों, भारत के मुख्य न्यायाधीश, 16 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, पांच कानून अकादमियों और 22 लॉ यूनिवर्सिटियों से सुझाव मांगे थे.

मेघवाल ने ये भी कहा कि सभी सांसदों और देशभर के विधायकों से भी सुझाव मांगे गए थे. ये कानून 4 सालों के गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार किए थे.

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