रायपुर : महादेव सट्टा एप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने इस केस में अज्ञात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिखा गया है। जबकि ईडी ने आरोपियों के बयान और आईटी जांच के आधार पर राज्य के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के नामजद के साथ कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन भेजा है। उस प्रतिवेदन के आधार पर केस दर्ज तो किया गया है, लेकिन नाम किसी भी आरोपीयों का नहीं लिखा गया है। आखिर क्यों? अब इस मामले की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू की नई टीम जांच करेगी। क्योंकि पुरानी टीम का तबादला हो गया।
पिछले ढाई माह के भीतर एसीबी-ईओडब्ल्यू में ये छठवीं अपराध दर्ज की गई है। जनवरी में ईडी के प्रतिवेदन पर अवैध कोल परिवहन, आबकारी में गड़बड़ी, डीएमएफ घोटाला और कस्टम मिलिंग में कमीशनखोरी का केस दर्ज किया है। इसमें आबकारी गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई। 13 से ज्यादा जगह पर छापेमारी की गई है। बाकी केस में अभी जांच शुरू नहीं हुई है। इस बीच पिछले माह फरवरी में पीएससी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया गया है। इस माह में महादेव सट्टा में भी अपराध दर्ज कर लिया गया है। आपको ज्ञात होगा इस मामले में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने साफ साफ कहा था कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने महादेव को भी नहीं छोड़ा,इस मामले में जो भी आरोपी होंगे चाहे वह कितना भी बड़ा और पावरफुल क्यों न हो उसकी जगह जेल में होगी मोदी की गारंटी है कार्यवाही हो कर रहेगी छत्तीसगढ़ की जनता उस समय का बेसब्री से इंतजार कर रही है और अब सामने लोक सभा चुनाव है। उससे पहले ही सभी आरोपीयों पर कार्यवाही होनी चाहिए नहीं तो लोक सभा चुनाव में भाजपा को मोदी की गारंटी मंहगा न पड़ जाए।अब देखना यह है कि साय सरकार इसे कितनी गंभीरता से लेती हैं।