कोविड के दौरान जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त आईसीयू बनाने के लिए भारत सरकार ने करीब एक हजार करोड़ का फंड दिया था। इनमें जिला अस्पतालों में 100 और मेडिकल कालेज अस्पतालों में 150 बेड बनना था। अधिकांश जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों ने आईसीयू बनाया नहीं मगर मोटे कमीशन के चक्कर में लगभग 700 करोड़ का उपकरण खरीद डाला। अब बिल्डिंग बनी नही तो करोड़ों के उपकरण का क्या किया जाए… कबाड़ में करोड़ों के उपकरण पड़े हुए हैं। नए मेडिल् कालेजों के लिए सरकार ने पैसे सेंक्शन किए हैं, उसके अभी भवन बने नहीं, मगर स्वास्थ्य विभाग के खटराल अधिकारी उपकरणों की खरीदी शुरू कर दिए हैं। मेडिकल माफियाओं ने छत्तीसगढ़ के हेल्थ सिस्टम को खतम कर दिया है… इसके लिए सरकार को एक्सट्रा एफर्ट करना होगा।
मेडिकल कॉलेज काउंसिल की बैठक में मंथन में क्या हुआ था….
गौरतलब है 30/04/21 को दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था।जिसमे शासन के बाद मेडिकल कॉलेज काउंसिल की बैठक में मंथन किया था।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अंबेडकर अस्पताल में 250 बेड का आईसीयू बनाने का प्लान तैयार किया गया था। इस पर 100 करोड़ खर्च किए जाने की बात कही गई थी । शासन ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आईसीयू का डीपीआर बनाने का निर्देश भी दे दिया थे । पं. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कॉलेज काउंसिल की बैठक में प्रस्तावित आईसीयू की नई यूनिट और बजट पर सभी विभाग के एचओडी से राय मांगी गई थी ।
कोरोना के कारण इन दिनों सबसे ज्यादा कमी आईसीयू व ऑक्सीजन बेड की है कहा गया था ,और ये भी कहा गया था,अंबेडकर अस्पताल में वर्तमान में आईसीयू में 106 बेड है और केवल 60 वेंटीलेटर है। 250 बेड का नया आईसीयू बन जाने से बेड की संख्या 306 हो जाएगी। नए आईसीयू में 100 वेंटीलेटर बेड रखे जाएंगे। इससे वेंटीलेटर की संख्या भी 160 तक पहुंच जाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि 250 बेड का नया आईसीयू कहां बनेगा?