भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से उनके दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के रहने वाले मेहुल लखानी राम भक्त डोंगरगढ़ से अयोध्या के लिए निकलें है। और वे पैदल उल्टे चलते हुए यह पदयात्रा कर रहे है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय से मुलाकात कर बिलासपुर जिले से जीपीएम जिले की ओर बढ़ रहे है और उनके अनुसार उनकी अयोध्या तक कि यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रीय चेतना का संदेश देना और प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था प्रकट करना है। मेहुल के साथ उनकी माता जी भी ई रिक्शा से चल रही हैं।
भगवान श्रीराम चन्द्र जी के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाने को निकले डोगरगढ़ के रहने वाले मेहुल लखानी पहले रायपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर बिलासपुर होते हुए जीपीएम जिले की ओर बढ़ रहे हैं। इस पूरे पदयात्रा में खास बात यह है कि मेहुल लखानी एक अनूठी यात्रा पर हैं, अनूठी इस लिए की वे इस पदयात्रा में उल्टे पैर पिछले की ओर चलते हुए तय कर रहे है
डोंगरगढ़ से भगवान श्रीराम के धाम अयोध्या तक कि पदयात्रा है। मेहुल ने बतलाया कि वे डोंगरगढ़ से रायपुर पहुचे जहा पर वे प्रदेह के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात हुई और उन्होंने मेहुल को शुभकामनाएं भी दी हैं। मेहुल का कहना है कि वे उल्टे चल कर समाज में चेतना का प्रयास कर रहें है और राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए ये पद यात्रा शुरू की गई है। साथ ही मेहुल की माने तो वे अयोध्या में श्रीराम मंदिर में अपनी माँ सूर्या बेन लखानी को दर्शन के बाद चारधाम और 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराने के लिए आगे बढ़ जाएंगे। मेहुल तो खुद पदयात्रा कर रहे है पर उनकी माँ सूर्या बेन जिनकी उम्र 58 साल है वे उन्हें चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा ई-रिक्शा के जरिए करवाने की बात कही है।