रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले कई सालों से मेट्रो रेल सेवा की बातें होती थी मगर अब नई सरकार इसे धरातल पर उतारने जा रही है। आवास पर्यावरण विभाग संभालने के बाद एनआरडीए अफसरों की पहली बैठक में ही मंत्री ओपी चौधरी ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया। मंत्री के निर्देश पर एनआरडीए के अधिकारी मेट्रो रेल सेवा के कार्य में जुट गए हैं।
अभी तक मेट्रो ट्रेन की बात रायपुर और दुर्ग के बीच की जा रही थी। मगर ओपी चौधरी चाह रहे कि इसे राजनांदगांव तक किया जाए। इससे अधिक-से-अधिक लोगों को मेट्रो सेवा का लाभ मिल पाएगा। वैसे भी नया रापयुर से दुर्ग और राजनांदगांव लगभग जुड़ गया है। राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई से बडी संख्या में लोग नौकरी, कारोबार और पढ़ाई के सिलसिले में रायपुर आते हैं। राजनांदगांव से सड़क मार्ग से रायपुर आने में दो से ढाई घंटे लग जाता है। जबकि, मेट्रो से डेढ़ घंटा लगेगा।
एनआरडीए के अधिकारियों ने एनपीजी न्यूज को बताया कि मेट्रो रेल दो तरह की होती है। पहला लाइट मेट्रो। इसकी लागत लगभग 120 करोड़ प्रति किलोमीटर आती है। और दूसरा ट्रेडिशनल याने नार्मल मेट्रो। इस पर लगभग 220 करोड़ प्रति किलोमीटर का खर्च आता है। अभी इस पर मंथन किया जा रहा कि छत्तीसगढ़ में लाइट मेट्रो चलाई जाए या ट्रेडिशनल मेट्रो। चूकि ओपी चौघरी के पास वित्त विभाग है और उन्हीं की ये ड्रीम परियोजना है। सो, राशि का प्रबंध करने में कोई दिक्कत नहीं जाएगी। अफसरों का मानना है कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले नया रायपुर और राजनांदगांव के बीच मेट्रो रेल सेवा प्रारंभ हो जाएगी।