मुस्लिम समाज ने लगाया बाजे डीजे में प्रतिबंध

मुस्लिम समाज ने लगाया बाजे डीजे में प्रतिबंध

17 जनवरी 2023 को रायपुर के मुस्लिम समाज की बैठक हुई जिसमे शहर की लगभग सभी मस्जिदों के इमाम साहब, दूसरे मौलाना एवं विभिन्न कमेटियों के पदाधिकारी तथा प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित हुये।

इस मिटिंग में यह निर्णय लिया गया की मुस्लिम समाज के वैवाहिक कार्यक्रमों एवं दूसरे कार्यक्रमों में होने वाली कुरीतियों एवं बुराईयों को रोकने के लिये मुस्लिम समाज सख्त कदम उठायेगा तथा शादी समारोह, सन्दल चादर में बैण्ड बाजा, डीजे, आतिशबाजी आदि का बहिष्कार किया जाएगा। उपस्थित सभी इमामों ने एक स्वर से यह तय किया की ऐसे किसी भी शादी में निकाह नहीं पड़ायेंगे जहां बाजा एवं आतिशबाजी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही बाहर से आए हुये मौलवी को भी निकाह पड़ाने नहीं दिया जायेगा। इस पर उपस्थित सभी प्रबुद्ध नागरिक ने अपना समर्थन देते हुये एक स्वर में कहा कि अगर इमाम निकाह नहीं पड़ायेंगे तो हम आम नागरिक ऐसी किसी भी शादियों में खाने का बहिष्कार करेंगे।

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि अगर यह पता चलता है कि किसी के घर में बाजे इत्यादि का प्रयोग हो रहा है तो उसको शहर की कमेटी जाकर समझायेगी तथा ऐसा नहीं करने हेतु निवेदन करेगी।

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समाज में बाजा एवं आतिशबाजी की मनाही है। अतः इसका प्रचलन रोकने हेतु कमेटी हर संभव प्रयास करेगी। यह निर्णय पूरे रायपुर जिले में लागू किया जायेगा तथा प्रयास रहेगा कि पूरे राज्य में इसको लागू किया जाऐ। इस निर्णय को प्रचारित एवं प्रसारित करने के लिये शहर स्तर एवं मोहल्ला स्तर पर रायपुर शहर की दूसरी मुस्लिम सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का सहयोग लेकर एक कमेटी बनाई जायेगी जो ना सिर्फ बाजा आतिशबाजी बल्कि दूसरे बूरी आदत एवं लत से बचने हेतु शहर के नौजवानों को प्रेरित करेगी। इस अवसर पर शहर काजी एवं दूसरे इमामों ने समाज में होने वाली खराबियों को इंगित किया और युवाओं से यह अपील की वे गलत राह पर न चले। आतिशवाजी एवं बाजा इस्लाम में मना है साथ ही इसके उपयोग से वायू प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं यातायात व्यवस्था में खराबी आती है जो हमारी रोजमर्रा जिन्दगी में भी बहुत खराब है। अत इन चीजों का उपयोग न सिर्फ धार्मिक अपितु सामाजिक रूप से भी निंदनीय है। साथ ही मुस्लिम सामाज के युवाओं से अपील है कि वे ऐसे काम करें जिससे समाज में किसी प्रकार की अशांति न फैले एवं राज्य एवं देश में अमन एवं शांति का मौहाल बना रहे। मुस्लिम सामाज की इस पहल पर शहर के अन्य धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने स्वागत किया है एवं सामाजिक चेतना को जागृत करने वाली संस्था नागरिक संघर्ष समिति ने बधाई दी है एवं हर संभव सहयोग का आशवासन दिया है।

17 जनवरी की यह बैठक अपने उद्देश्य के तहत पूरी तरह सफल रही मिटिंग में उपस्थित विभिन्न मस्जिदों के इमाम साहाब एवं दूसरे मौलाना छत्तीसगढ़ उल्मा तनजीम के पदाधिकारीगण एवं मुस्लिम सामाज के सक्रिय एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने सामाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिये सार्थक एवं सशक्त प्रयास करने का जिम्मा
उठाया है।

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