हाथियों की धमक से नक्‍सलियों में खौफ

हाथियों की धमक से नक्‍सलियों में खौफ

धमतरी के सिकासेर दल के 35 से 40 हाथी व एक अन्य दल के तीन-चार दंतैल हाथी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के जंगलों में पिछले कुछ दिनों से विचरण कर रहा है। इसमें कई दंतैल हाथी भी शामिल है, जो लोगों के लिए जानलेवा है। इन हाथियों के डर से जंगल में छिपे नक्सलियों ने फिलहाल जंगल छोड़कर बस्तर व कांकेर क्षेत्र में चले गए है। वहीं सीआरपीएफ व पुलिस भी सुरक्षा के मद्देनजर सर्चिंग नहीं कर रहे हैं, क्योंकि हाथियों से सभी वर्गाें को खतरा है।

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र व नक्सल अतिसंवेदनशील नगरी ब्लाक के जंगलों में सिकासेर दल के 35 से 40 हाथियों के साथ एक अन्य दल के तीन-चार दंतैल हाथी क्षेत्र में प्रवेश करके जंगलों में विचरण कर रहा है, जो वनांचलवासियों के साथ राहगीरों के लिए भी जान का खतरा है।

दो अलग-अलग दलों के हाथियों के जंगल में धमकने के बाद जंगलों के भीतर सक्रिय स्थानीय नक्सली टिकेश्वर समेत 40 अन्य हाथियों के डर से फिलहाल जंगल छोड़कर भाग निकले हैं, क्योंकि इन हाथियों की चपेट में आने पर हाथियों का लोगों को कई टुकड़ों में करके खतरनाक मौत देता है।

धमतरी एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने कहा कि नक्सली इन दिनों नक्सल संवेदनशील क्षेत्र के जंगलों को छोड़कर बस्तर व कांकेर क्षेत्र भाग निकले हैं। धमतरी में एक भी नक्सली अभी नहीं है। ऐसे में नगरी ब्लाक के जंगल नक्सलियों से पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन हाथियों का खतरा बना हुआ हैै। हाथियों के डर व सुरक्षा के मद्देनजर नक्सल क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ, सीएएफ व पुलिस जवानों ने सर्चिंग बंद कर दिया है, क्योंकि क्षेत्र में नक्सली ही नहीं है।

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