क्रिकेट वर्ल्ड कप का आगाज न्यूज़ीलैंड की इंग्लैंड पर धमाकेदार जीत के साथ हुई है.
पिछले वर्ल्ड कप के फ़ाइनल की दोनों टीमें गुरुवार को इस टूर्नामेंट के पहले मैच में आमने सामने थीं.
यहां न्यूज़ीलैंड ने इंग्लैंड को 9 विकेट से हराकर पिछले वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में हार का हिसाब चुकता किया.
इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 9 विकेट पर 282 रन बनाए, जवाब में न्यूज़ीलैंड ने 36.2 ओवर में केवल एक विकेट पर 283 रन बना डाले.
इसके साथ ही न्यूज़ीलैंड 82 गेंद शेष रहते यह मैच जीत गया. न्यूज़ीलैंड की जीत के हीरो रहे डेवन कॉनवे और रचिन रवींद्र.
दोनों ने तूफ़ानी शतक जड़े और साथ ही रिकॉर्ड बना डाले.
दमदार शतक, रिकॉर्ड पारी
डेवॉन कॉन्वे ने केवल 83 गेंदों पर 13 चौके, दो छक्के की बदौलत शतक बनाया.
तो वर्ल्ड कप में अपना डेब्यू मैच खेल रहे रचिन रवींद्र ने भी शतक जड़ा. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 273 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई.
यह वर्ल्ड कप में किसी भी विकेट के लिए न्यूज़ीलैंड के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है.
यह केवल दूसरा मौक़ा है जब किसी भी वर्ल्ड कप के पहले मैच में एक टीम की तरफ़ से दो शतक लगाए गए हैं.
2011 वर्ल्ड कप के पहले मैच में वीरेंद्र सहवाग और विराट कोहली ने भारत के लिए बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट के पहले मैच में शतक लगाए थे.
यह न्यूज़ीलैंड की तरफ़ से वर्ल्ड कप में सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड है, कॉनवे ने मार्टिन गप्टिल (बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 2015 में 88 गेंद पर शतक) के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
यह रवींद्र का वनडे में भी पहला शतक है. रवींद्र ने 82 गेंदों पर नौ चौके और चार छक्के की मदद से वनडे में अपना पहला शतक पूरा किया.
रवींद्र वर्ल्ड कप में शतक लगाने वाले न्यूज़ीलैंड के सबसे युवा क्रिकेटर हैं.
साथ ही वे विराट कोहली के बाद वर्ल्ड कप के डेब्यू मैच में शतक जड़ने वाले पहले क्रिकेटर भी बने.
कॉनवे ने नाबाद 152 रन तो रवींद्र ने नाबाद 123 रन बनाए.