जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने को उमर अब्दुल्ला तैयार हैं. उन्होंने ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सीटें 46 सीटों के बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई हैं, क्योंकि 4 निर्दलीय विधायकों ने पार्टी को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि अब वह सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कांग्रेस से समर्थन पत्र का इंतजार कर रहे हैं.
एनसी विधायक दल के नेता चुने गए उमर अब्दुल्ला
बता दें कि उमर अब्दुल्ला को आज दिन में ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधायक दल का नेता चुना था. विधायकों को धन्यवाद देते हुए अब्दुल्ला ने कहा,”आप लिए गए फैसले से अवगत हैं. एनसी विधायक दल की बैठक हुई, विधायक दल ने अपना नेता तय कर लिया है और मैं एनसी विधायकों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे सरकार बनाने का दावा पेश करने का मौका दिया.”
कांग्रेस से समर्थन पत्र का कर रहे हैं इंतजार
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश करने को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि वह कांग्रेस से समर्थन पत्र का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा “हम कांग्रेस से उनके समर्थन पत्र के लिए बातचीत कर रहे हैं. एक बार जब हमें यह मिल जाएगा, तो हम जल्द से जल्द राज्यपाल के पास जाएंगे. हमने कांग्रेस को पत्र के लिए प्रक्रिया पूरी करने के लिए आज का दिन दिया है,”
अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल करने वाले प्रस्ताव को लेकर कहा कि एक बार सरकार बन जाने के बाद प्रस्ताव को पारित करेंगे और फिर दिल्ली में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे. वहीं, अब्दुल्ला ने लोगों के कल्याण के लिए सरकार की ओर से उपराज्यपाल (एलजी) के साथ सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
नहीं चाहते टकराव
उन्होंने कहा कि हम एलजी और सरकार के बीच कोई बड़ा टकराव नहीं चाहते हैं. इसके बजाय, हमारा लक्ष्य शांतिपूर्ण सहयोग और लोगों के लिए तब तक काम करना है जब तक कि हम एक राज्य के रूप में अपना सही दर्जा हासिल नहीं कर लेते.
अब्दुल्ला ने कहा हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा के लिए एक सहकारी और अनुकूल माहौल बनाना चाहते हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य की सरकार सभी व्यक्तियों के लिए काम करेगी, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो या उन्होंने मतदान प्रक्रिया में भाग लिया हो या नहीं.
उन्होंने कहा, “हम उन लोगों से बदला लेने वाले नहीं हैं जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया. आगामी सरकार कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, भाजपा और यहां तक कि उन लोगों का प्रतिनिधित्व करेगी जिन्होंने मतदान से परहेज किया. श्रीनगर में, केवल 20 प्रतिशत ने मतदान किया – क्या हमें शेष 80 प्रतिशत को नजरअंदाज कर देना चाहिए? वे भी शासन के लाभों के हकदार हैं. इसी तरह, जम्मू के लोग, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया है, उन्हें भी सरकार से लाभ पाने का अधिकार है.”