शेख अंसार की कलम से…
शहीदों के स्मरण में कहीं भी कोई भी कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, बल्कि प्रतिदिन शहीदों के स्मरण कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए। लेकिन उद्योगमंत्री झुमुकलाल भेड़िया ने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा द्वारा आयोजित वीरनारायणसिंह शहादत दिवस दो नम्बर स्कूल (बीएसपी) मैदान के बरक्स क्रिकेट मैदान में पृथक से आयोजन प्रतिद्वंद्विता का प्रदर्शन मात्र था। मंत्री झुमुकलाल भेड़िया के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह जब पहुंचे तो उनके कार्यक्रम से अधिक लोग उनका हेलीकॉप्टर देखने पहुंचे थे।
तत्कालीन दुर्ग जिला का दल्लीराजहरा शहर डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ी मजदूर आबादी वाला क्षेत्र रहा है। इस विधानसभा में मजदूरों का एकमुश्त वोट हमेशा से हार – जीत में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। यह विधानसभा क्षेत्र गठन के साथ ही अनुसूचित जनजाति के आरक्षित रही है।
डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र से झुमुकलाल भेड़िया चुनाव जीतते रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के अर्जुनसिंह सरकार में झुमुकलाल भेड़िया उद्योगमंत्री थे। दिवंगत झुमुकलाल भेड़िया उद्योगमंत्री होने के नाते स्वाभाविक तौर उद्योगपतियो के हिमायती और मजदूर यूनियन को अपना विरोधी मानते थे।
मजदूर यूनियन भी विधानसभा चुनाव में उनकी उम्मीदवारी के विरुद्ध अपना उम्मीदवार के तौर पर मजदूर साथियों में से किसी योग्य मुखिया को अपना उम्मीदवार घोषित करते थे। 1985 के विधानसभा चुनाव में झुमुकलाल भेड़िया की पत्नी श्रीमती साज भेड़िया को जनकलाल ठाकुर से शिकस्त मिली थी।
मजदूरों के पक्ष में कोई राजनेता नही बोलते थे, न सीएम सिंह न मंत्री भेड़िया बल्कि मजदूरों पर गुर्राते थे।
दल्लीराजहरा गोलीकाण्ड 1977 के बाद मजदूर नेता शंकरगुहा नियोगी की पहिचान राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी थी। मध्यप्रदेश के उद्योगमंत्री झुमुकलाल भेड़िया के राजनीतिक दखल अंदाजी से मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने शंकरगुहा नियोगी और सहदेव साहू को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम ( National Security Act ) के तहत मध्यप्रदेश के सागर जेल में बंद करवाया था। जिसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर चहुंओर होने लगी मध्यप्रदेश के अर्जुनसिंह सरकार की बड़ी फजीहत होने लगी। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर एवं इंदिरा गांधी सरकार के सलाहकार पीएन हक्सर की अगुवाई में बड़े पैमाने पर सरकार पर नियोगी जी की रिहाई के लिए दबाव बनाया गया। उसी दौरान बकौल पीएन हक्सर साहब श्रीमती इंदिरा गांधी ने सीधा और सपाट शब्दों में मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह से कहा कि नियोगी जी के यूनियन की जो भी मांगे हैं चर्चा कर उसका जल्दी ही समाधान निकालिए इसके बाद ही मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने अपने सहयोगी मंत्री झुमुकलाल भेड़िया से कहा कि नियोगी जी से हमारी मीटिंग कराइये।
स्थानीय विधायक एवं उद्योगमंत्री झुमुकलाल भेड़िया की ओर से नियोगी जी के लिए यूनियन दफ्तर में संदेश आने लगी कि सीएम साहब मिलना चाहते हैं। यूनियन के पदाधिकारियों से चर्चा पश्चात नियोगी जी ने तय कि, हमेशा मजदूर आन्दोलन के विरोधी रहे झुमुकलाल भेड़िया उद्योगमंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री से मिलना राजनीतिक रूप से उचित नही होगा। लेहाजा नियोगी जी ने मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह से दुर्ग कलेक्टर श्री रमेश सक्सेना के जरिए सीएम से मिलना निर्धारित किया।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने अर्जुनसिंह सरकार एवं अजीत जोगी सरकार के समक्ष ऐतिहासिक तथ्य को विस्तार बताया कि वीरनारायणसिंह शहादत दिवस 10 दिसम्बर नही 19 दिसम्बर 1857 ही है
शेष कल के अंक में …