समाचार एजेंसी एएनआई के इंटरव्यू में पीएम मोदी से सवाल किया गया कि विपक्ष के नेता कहते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड में धांधली हुई है.
इस सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ”चुनाव में काले धन का इस्तेमाल होता है. हम ऐसा ना हो इसका रास्ता खोज रहे थे. चुनाव में हजार और दो हजार के बड़े नोट ट्रेवल करते थे. हमने उसे रोकने की कोशिश की.”
”बीजेपी में हमने तय किया कि चेक से पैसा लेंगे तो व्यापारी परेशान हो गए कि कैसे पैसा देंगे क्योंकि उनको डर था कि अगर सत्ता पक्ष को पता चल गया कि उन्होंने हमें चंदा दिया है तो उन्हें दिक्कत होगी. लेकिन हमने नियम लाया और चेक से पैसा लिया.”
”इलेक्टोरल बॉन्ड थे, इसलिए तो मनी ट्रेल का पता चल गया, किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया और कहां दिया. जो लोग आज बोल रहे हैं वो सब लोग पछाताएंगे, जब ईमानदारी से सोचेंगे.”
पीएम मोदी ने कहा- ”37 परसेंट पैसा बीजेपी को मिला है और 63 परसेंट विपक्ष के पास गया है. विपक्ष के पास ज्यादा पैसा गया है फिर भी उन्हें आरोप लगाने है.”
सनातन और दक्षिण की राजनीति
तमिलनाडु में डीएमके को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ”सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ आप क्यों बैठे हो. डीएमके का जन्म इस नफरत में हुआ होगा. डीएमके के खिलाफ गुस्सा है और यह गुस्सा बीजेपी की तरफ सकारात्मक रूप में डायवर्ट हो रहा है.”
विपक्ष के ऐसे दावों कि बीजेपी दक्षिण भारत में सेंध नहीं कर सकती, इस पर पीएम मोदी ने कहा, ”भारत विविधता से भरा है. भारत को टुकड़ों में देखना ये भारत के प्रति नासमझी का प्रतीक है. भारत को अलग कैसे कहां जा सकता है.”
कई ग़ैर बीजेपी शासित राज्य का आरोप बीते दिनों सुर्खियों में रहा कि केंद्र सरकार से उन्हें ज़रूरत भर मदद नहीं मिलती. खास कर दक्षिण के राज्यों का आरोप था कि उन्हें वित्तीय सहायता उस अनुपात में नहीं मिलती जिसमें वो टैक्स भरते हैं.
राज्यों के साथ केंद्र के संबंधों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, ”मैं लंबे समय तक गुजरात का सीएम रहा हूं. मुझे पता है कि केंद्र और राज्य का संबंध क्यों जरूरी है. मैं किसी राज्य को कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा.”
”कोरोना को देखिए. मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मीटिंग की. कोरोना से लड़ाई में राज्यों का भी उतना योगदान है जितना कि केंद्र का. हालांकि विकास के लिए राज्यों के प्रतिस्पर्धा जरूरी है.”
पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, ”पड़ोसी देश हमारे लिए प्राथमिकता है. पड़ोसी देश खुश हैं. कोई पड़ोसी देश ऐसा नहीं है जिसकी कोरोना में हमने मदद नहीं की. नेपाल भूकंप में सबसे पहले मदद भेजी. श्रीलंका के संकट पर हमने मदद की है. हम हमारे पड़ोसी देशों को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं.”