नौ साल पहले एक शख्स को किसी आवारा पशु ने पटक दिया। शहर के नामी डॉक्टर ने सर्जरी की, लेकिन एक गलती कर बैठे। गलती थी कि ड्रिलिंग करने वाली मशीन की एक कील अंदर रह गई। उपभोक्ता फोरम ने अब इस केस में 7.4 लाख रुपये मुआवजा का आदेश दिया है।
लापरवाही की खबरें आती रहती हैं, लेकिन एक कील की कीमत इतनी चुकानी पड़ेगी- खबर चौंकाती है। कुछ सौ से हजार तक रुपये की एक कील की कीमत 7.4 लाख रुपये चुकाने होंगे अब एक मशहूर हड्डी रोग विशेषज्ञ को। वजह यह कि उन्होंने सर्जरी के दौरान ड्रिलिंग मशीन की एक कीलनुमा बिट मरीज के शरीर में छोड़ दी। मरीज ने लंबी परेशानी झेली और उपभोक्ता फोरम में फरियाद लगाई। पूरे नौ साल बाद अब डॉक्टर को दो महीने में जुर्माना चुकाने का आदेश जारी हुआ है।
7 लाख 40 हजार का लगाया है जुर्माना
सीवान में हड्डी की डॉक्टर पर लापरवाही करने पर उपभोक्ता फोरम ने 7 लाख 40 हजार का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना सीवान के जाने-माने हड्डी डॉक्टर रामाजी चौधरी पर लगाया गया है। उपभोक्ता फोरम ने 9 साल के बाद यह फैसला सुनाया है। उपभोक्ता फोरम ने इसके पूरा करने के लिए मात्र दो महीने का समय दिया है।
क्या है पूरा मामला
सीवान जिले के मानपुर गांव के निवासी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि 11 नवंबर 2014 को एक पशु ने उन्हें पटक कर घायल कर दिया था, जिसमें उनका हाथ पैर टूट गया था। घायल होने पर उनके परिजन हॉस्पिटल रोड स्थित मशहूर हड्डी डॉक्टर रामाजी चौधरी के यहां ले गए थे। डॉक्टर रामाजी चौधरी ने घायल शत्रुध्न को ऑपरेशन का सलाह दिया। स्थिति गंभीर होने की वजह से आननफानन में उनका ऑपरेशन कर दिया गया। 11 नवंबर से लेकर 29 नवंबर 2014 तक उन्होंने डॉक्टर राम जी चौधरी के यहां इलाज कराया। इस क्रम में उन्होंने डॉक्टर को कुल ₹60हजार रुपये का भुगतान किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद से शत्रुध्न सिंह के पैर में दर्द होने लगा और यह शिकायत लगातार रहने लगी।
मरीज के पैर में छोड़ दिया था ड्रिल मशीन
इस संबंध में परिजनों का कहना है कि पैर टूटने पर ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने ड्रिल मशीन का पिन अंदर ही छोड़ दिया था। इस वजह से पैर में हमेशा दर्द रहता था। मरीज का दर्द दिन पर दिन बढ़ने लगा।
पटना में खुला मामला
जब दर्द से आराम नहीं मिला तब थकहार कर शत्रुध्न सिंह के परिजन उन्हें पटना ले गये और वहां डॉक्टर एसपी वर्मा एवं डॉक्टर एस एस मयूख से दिखलाए। पटना के डॉक्टरों ने बताया कि बाएं पैर में ड्रिल बिट ऑपरेशन के दौरान छूट गया है, इस वजह से दर्द हो रहा है।
उपभोक्ता फोरम में किया केस
परिजन जब इस बात की शिकायत डॉक्टर रामाजी चौधरी से की तो डॉक्टर ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मुझे जो इलाज करना था सो किया। इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज करवाया और आयोग ने डॉक्टर को दोषी मानते हुए 7 लाख 40हजार रुपये का जुर्माना लगाया। उपभोक्ता फोरम ने यह भुगतान दो महीना के अंदर करने का आदेश दिया है। आदेश नहीं मानने पर दंडात्मक करवाई की जाएगी।