एक नवंबर छत्तीसगढ़ गठन दिवस है। और आज से ही प्रदेश में सबसे बड़ी सरकारी खरीदी भी शुरू हो गई है।
यह खरीदी सीधे किसानों से होती है। जो शुरू हो गई है। यह खरीदी 31 जनवरी तक होगी।
इस वर्ष करीब 25 लाख किसानों से 125 लाख टन खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार ने 22 हजार करोड़ का बैंकों से क्रेडिट लिमिट लिया है।
भारत सरकार ने अबकी किसानों के बायोमेट्रिक के जरिए धान खरीदी करने का निर्देश दिया था। मगर खाद्य सचिव टीपी वर्मा ने कमिश्नरों और कलेक्टरों को पत्र लिख कहा है। कि बायोमेट्रिक की व्यवस्था करने में वक्त लगेगा। इसलिए बिना बायोमेट्रिक ही धान खरीदी की जाए।
खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार बिना बायोमेट्रिक मशीनों के धान खरीदी के लिए भारत सरकार से अनुमति थोड़े समय के लिए ही मिली। इन मशीनों के सप्लायर कंपनी ने मशीन की थोड़ा वक्त मांगा है। कंपनी ने 4 नवंबर तक मशीनें खरीदी केंद्रों तक पहुंचा देने की बात कही है। इसी आधार पर भारत सरकार से कुछ दिनों की राहत मांगी गई थी। अफसरों ने बताया कि धान खरीदी के लिए करीब 3 हजार बायोमेट्रिक मशीन की जरुरत है। इसमें 2617 मशीन खरीदी केंद्रों में लगाई जाएगी। बाकी मशीन रिजर्व में रखा जाएगा।
सरकारी खरीदी केंद्रों में धान बेचने मंगलवार से ही टोकन कटना शुरू हो गया। ऑन लाइन (मोबाइल एप) और ऑफ लाइन (समिति) दोनों तरीके से टोकन काटे जा रहे हैं। 20 जिलों की एक हजार समितियों में टोकन कटा है। पहले दिन धान बेचने के लिए कुल 8 हजार 157 टोकन कटा है। इसमें सबसे ज्यादा धमतरी में 1775 किसानों ने टोकन लिया है। इन 8 हजार से ज्यादा टोकनों से किसान करीब 3 लाख क्विंटल से ज्यादा धान बेचेगें।
25 लाख से अधिक किसानों का हुआ पंजीयन इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.72 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 61 हजार नये किसान है।
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। और सरकार का 125 लाख टन खरीदी का लक्ष्य है ।