ग़ज़ा में मलबों में अपनों को तलाशते लोग

ग़ज़ा में मलबों में अपनों को तलाशते लोग

इसराइली हमलों के बीच ग़ज़ा में रहने वाले आम लोगों की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही हैं.

एक ओर बच्चे अपाहिज और अनाथ हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रफ़ाह क्रॉसिंग ने लोगों में थोड़ी उम्मीद जगाई है, लेकिन वहां से निकलने का मौक़ा मिलना इतना भी आसान नहीं है.

इसराइल ने शुक्रवार को ग़ज़ा में एक एंबुलेंस को निशाना बनाकर हवाई हमला किया.

आईडीएफ़ का कहना है कि एंबुलेंस को हमास एक सेल की तरह इस्तेमाल कर रहा था, यानी वह एंबुलेंस के अंदर बैठकर अपनी गतिविधियां चला रहा था.

वहीं ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 13 लोग मारे गए हैं.

एक बयान में हमास के अधिकारियों ने कहा कि इसराइली बलों ने उस एंबुलेंस को निशाना बनाया, जो घायलों को अल-शिफ़ा अस्पताल से दक्षिण में रफ़ाह की तरफ़ ले जा रही थी.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के मामलों के निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा कि लड़ाई से बचने के लिए शरण लेने वाले फ़लस्तीनियों के लिए यूएन बहुत कुछ नहीं कर सकता है.

उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में फ़िलहाल कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है.

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