PM मोदी ने उत्तर भारत के पहले यूनानी चिकित्सा संस्थान का किया वर्चुअल उद्घाटन, मिलेंगी ये सुविधाएं

PM मोदी ने उत्तर भारत के पहले यूनानी चिकित्सा संस्थान का किया वर्चुअल उद्घाटन, मिलेंगी ये सुविधाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गाजियाबाद में बनकर तैयार हुए उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इससे यूनानी पद्धति के इलाज में तेजी आएगी। संस्थान में अभी ओपीडी में मरीजों का इलाज होगा, वर्ष 2023 से यूनानी विधा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 381 करोड़ की लागत से तैयार इस संस्थान का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा से किया। इस संस्थान में 14 विभाग होंगे। यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और शोध की शिक्षा भी मिलेगी। इनमें औषधि विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन, यूनानी चिकित्सा और प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन पर ध्यान केंद्रित रहेगा।

इससे पहले राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान बेंगलुरु और गाजियाबाद के निदेशक प्रो. अब्दुल वदूद और सलाहकार डॉ. एमए काजमी ने निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। प्रो. अब्दुल ने बताया है कि इस समय प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों का इलाज हो रहा है। ओपीडी में चार विशेषज्ञ डॉक्टर काम कर रहे हैं। उद्घाटन के बाद 10 चिकित्सा विशेषज्ञों की नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद ओपीडी में पांच से सात हजार मरीजों का इलाज शुरू होगा।

देश विदेश के छात्र पढ़ाई के साथ शोध भी कर सकेंगे
संस्थान में श्रीलंका, ईरान, बांग्लादेश, उजबेकिस्तान व अन्य देशों के छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करने के साथ यूनानी पद्धति का प्रचार प्रसार करेगा। इसमें यूनानी दवाओं पर विभिन्न तरह के शोध किए जाएंगे। यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा भी दिलाई जाएगी। परिसर में 425 कारों की पार्किंग की सुविधा भी है।

संस्थान में ये हैं सुविधाएं
ओपीडी, चार ऑपरेशन थिएटर, नर्सरी, सामान्य वार्ड, प्राइवेट वार्ड, आईसीयू, एक्यूप्रेशर कक्ष, फिजियोथेरेपी कक्ष, पंचकर्म कक्ष, जिम्नेजियम, सीएसएसडी, कैंटीन, शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक, ट्यूटोरियल रूम, सेमिनार हॉल, म्यूजियम, लाइब्रेरी, लैब, बहुउद्देश्यीय शोध विभाग, यूनानी फार्मेसी, प्रशासनिक कक्ष व कंप्यूटर कक्ष बने हैं। इसकी निगरानी राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान बंगलूरू से होगी।

मार्च 2019 में शुरू हुआ था निर्माण
संस्थान का निर्माण एक मार्च 2019 से शुरू हुआ था। तत्कालीन केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने शिलान्यास किया था। उस समय 2022 में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

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