रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व CM. रमन सिंह के खिलाफ दायर की गई आय से अधिक संपत्ति मामले की याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर राजनीति में नया मोड़ आ गया है। CM (मुख्यमंत्री )भूपेश बघेल लगातार डॉ. रमन सिंह की संपत्ति को लेकर बयान देते रहे हैं। अब डॉ. रमन ने कहा है कि दूध का दूध, पानी का पानी हो गया है। उनका कहना है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता।
आय से अधिक संपत्ति मामले में उच्च न्यायालय का फैसला आने पर पूर्व CM रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने उनके ऊपर जितने भी अन्य आरोप लगाए हैं, सभी राजनीति से प्रेरित हैं और इनका अंतिम परिणाम भी इसी तरह आएगा। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पक्ष में फैसला दिया है इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने इस मामले को तथ्य हीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, उनके आधार पर कोई आरोप नहीं बनता है। याचिका राजनीति से प्रेरित है। न्यायालयीन प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया गया और आधारहीन दस्तावेज सिर्फ आकलन के आधार पर याचिका दायर की गई।
डॉ. रमन सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत चुनावी शपथ पत्र का भारत निर्वाचन आयोग और आयकर विभाग द्वारा परीक्षण किया गया, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। इस तरह प्रथम दृष्टया इस प्रकरण की किसी भी अधिकारिक संस्था से जांच की जरूरत नहीं है। अब आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को उच्च न्यायालय से जो राहत मिली है, वह राजनीति के लिहाज से CM (मुख्यमंत्री) भूपेश बघेल के लिए एक करारा झटका है और कांग्रेस के लिए भी यह किसी सदमे से कम नहीं है।
जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य नेता कांग्रेस दफ्तर में बैठकर रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर बात कर रहे थे, पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी करते रहे हैं, ऐसे समय में पूर्व मुख्यमंत्री के पक्ष में आया यह फैसला राजनीति में काफी अहम है। फैसले में माना गया है कि रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जो याचिका दायर की गई थी, वह राजनीति से प्रेरित थी।
जब इस तरह के कथन के साथ याचिका खारिज की गई है तो जाहिर है कि इसका राजनीतिक प्रभाव तो पड़ेगा। राजनीति में कोई आसानी से हार नहीं मानता। इसलिए उम्मीद नहीं की जा सकती कि कांग्रेस अब आरोप लगाना बंद कर देगी।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ दायर की गई आय से अधिक संपत्ति मामले की याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर राजनीति में नया मोड़ आ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में ताकतवर नौकरशाह के रूप में पहचाने जाने वाले अमन सिंह के खिलाफ जब उच्च न्यायालय में कोई बात नहीं बनी तो मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया और वहां उच्च न्यायालय का निर्णय पलट दिया गया। वह एक अलग विषय है। लेकिन डॉ. रमन सिंह के मामले में जो फैसला आया है, उसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी अधिकारिक संस्था से जांच कराने की जरूरत नहीं है। अब इस मामले में आगे क्या होगा, यह रमन सिंह के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने वालों पर निर्भर है। फिलहाल रमन सिंह को मिली यह राहत राजनीति में उनके काफी काम आ सकती है और जनता तथा भाजपा की नजर में उनका कद बढ़ सकता है। देखना यह है कि आने वाले समय में भाजपा के भीतर इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ता है।