ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके़ पर दिए गए अपने पारंपरिक संबोधन में ग़ज़ा पट्टी में तुरंत युद्धविराम लागू करने की अपील की है.
इस संबोधन में पोप ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए इसराइली नागरिकों को रिहा करने की भी अपील की है.
बढ़ती उम्र के कारण अपने स्वास्थ्य को लेकर जारी चिंता के बीच 87 साल के पोप ने कहा कि “शांति कभी भी हथियारों से कायम नहीं की जा सकती.”
उन्होंने कहा, “फैली बाहों और खुले दिल से ही शांति लाई जा सकती है.”
पोप को सुनने के लिए वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर पर कई हज़ार लोग मौजूद थे.
बच्चों से लेकर नागरिकों पर युद्ध के बुरे प्रभाव का ज़िक्र करते हुए पोप ने कहा, “हम उनकी आंखों में कितनी पीड़ा देखते हैं! उन आंखों से वे हमसे पूछ रहे हैं: क्यों? इतनी मौतें क्यों? इतना विनाश क्यों? युद्ध तो हमेशा बेतुका और अपने आप में हार होता है.”
पोप फ्रांसिस ने यूक्रेन के ख़ालिफ़ रूस के हमलों पर भी बात की. उन्होंने इन दोनों देशों से अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का सम्मान करने की अपील की.