छत्तीसगढ़ । भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नवीन माकण्डेय ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट एक बजट नहीं बल्कि राज्य की निराशा, धोखा, कर्ज और बेरोजगारी का खाका है। मारकण्डेय की दलील है कि आज छत्तीसगढ़ पर 82,125 करोड़ रुपये का कर्ज है जिसमें से 54,491 करोड़ रुपये का कर्ज जो कि राज्य की कुल कर्ज का 66.35 प्रतिशत भाग है को महज 4 वर्षों में राज्य की कांग्रेसी सरकार द्वारा लिया गया है। यह दर्शाता है कि किस प्रकार कांग्रेसी सरकार ने राज्य के विकास के लिये आय के नये श्रोत बनाने के बजाय केवल कर्ज लेने की प्रवृत्ति का विकास किया। कहने को तो राज्य का विकास दर 8 प्रतिशत है जो कि केन्द्र के विकास दर के मुकाबले 1 प्रतिशत अधिक है किन्तु इन आंकड़ों का गहन विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि राज्य का विकास दर केन्द्र से अधिक होने के बावजूद प्रदेश में प्रचलित मूल्य सूचकांक पर प्रति व्यक्ति आय मात्र 1,33,898 रुपये है जो कि केन्द्र के आंकड़ों से 36,722 रूपये कम है।
भारी कर्ज के बोझ में दबे होने का असर बजट के सभी पहलूओं पर दिखाई देता है। राज्य के लाखों अनियमित कर्मचारी कांग्रेसी सरकार के वादे अनुसार अपने नियमितिकरण की राह देख रहे थे, किसानों को भी वादे के अनुसार पिछले छुटे हुए बोनस की प्रतीक्षा थी, प्रदेश की जनता शराबबंदी की घोषणा का इंतेजार कर रही है किन्तु सभी के हांथ केवल निराशा की लगी । इससे यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेसी सरकार प्रदेश की जनता से किये हुए वादे के प्रति पूर्णतः असंवेदनशील है और धोखा देने पर आमादा है।
आरंग विधानसभा क्षेत्र की जनता को भी इस बजट से उम्मीद थी कि आरंग के लिये कन्या महाविद्यालय, पॉलीटेक्निक कॉलेज, नए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नए उपतहसील, नया थाना, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, पर्यटन केन्द्र, उद्योग तथा नये विद्यालय की स्थापना का प्रावधान किया जाएगा किन्तु क्षेत्र के विधायक की निष्क्रियता तथा प्रदेश सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से आरंग विधानसभा क्षेत्र की जनता में घोर निराशा है।