रायपुर संभाग के संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडे और सहायक संचालक अजीत सिंह जाट के आकस्मिक निरीक्षण से झलप क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में हड़कंप मच गया। स्कूलों में देर से आने या अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई। वहीं लगातार अनुपस्थित पाए गए प्राथमिक शाला झलप के प्रधान पाठक सुदर्शन सिंह ध्रुव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
प्राथमिक शाला झलप में बड़ा खुलासा
संभागीय अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आया कि प्रधान पाठक सुदर्शन सिंह ध्रुव लंबे समय से लगातार अनुपस्थित हैं। इस पर अधिकारियों ने तत्काल निलंबन की कार्रवाई की। अन्य शिक्षकों को समय पर स्कूल संचालन हेतु सख्त निर्देश दिए गए। संकुल समन्वयक एवं प्राचार्य को नियमित मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए। प्रधान पाठक किताबों को कबाड़ बेचने के भी आरोपी हैं। .
उच्चतर माध्यमिक शाला में भी मिली लापरवाही
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला झलप के निरीक्षण में अधिकांश स्टाफ अनुपस्थित पाए गए। केवल कुछ शिक्षकों और वीक्षक ड्यूटी पर तैनात एक शिक्षिका को छोड़कर बाकी शिक्षक अनुपस्थित थे। इस पर सभी को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया है और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ओपन परीक्षा में अनियमितता, सहायक केन्द्राध्यक्ष बदले
इसी विद्यालय में आयोजित कक्षा 12वीं की ओपन परीक्षा (अंग्रेजी विषय) में भी व्यवस्थागत अनियमितता मिली। देर से आने और लापरवाही बरतने पर एक व्याख्याता और लिपिक से जवाब मांगा गया है। वहीं सहायक केन्द्राध्यक्ष देव कुमार ध्रुव को उनके पद से हटाकर उनकी जगह व्याख्याता गिरधारी लाल पटेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नरतोरा स्कूल में भी कार्रवाई की तलवार
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला नरतोरा के निरीक्षण में दो व्याख्याता अनुपस्थित मिले—अश्विनी वानखेडे और विरोध कुमार असगर। उनके साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य डीपी चंद्राकर को भी समय पर रिपोर्ट न देने के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। सभी से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
औचक निरीक्षण से फैली सख्ती की लहर
इस अचानक हुई कार्रवाई से क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। संयुक्त संचालक राकेश पांडे ने स्पष्ट किया कि शिक्षा की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ी सजा दी जाएगी।