विधानसभा में आज प्रश्नकाल में नक्सलियों से जब्त होने वाली भरमार बंदूकों का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने इस पर सवाल दागे तो जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी पलटवार किया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मारे जाने वाले या गिरफ्तार होने वाले नक्सलियों से बड़े पैमाने पर भरमार बंदूकों की बरामदगी पर आज सदन में सवाल दागे गए। मामला प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उठाया। उन्होंने गृहमंत्री विजय शर्मा से कहा कि आपके उत्तर में भरमार की भरमार है, क्या आपने कभी भरमार से फायरिंग होते हुए देखा है। डॉ. महंत ने संदेह जाहिर किया कि एक ही भरमार बंदूक को बार-बार जब्ती दिखाया जाता है।
इस पर गृह मंत्री शर्मा ने आपत्ति की और कहा कि पुलिस और सुरक्षाबलों पर संदेह करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आपके प्रश्न के उत्तर में हमने बताया है कि अब तक कितनी भरमार बंदूक जब्त हुई है और वह कहां रखी हुई है। ऐसे में इस पर संदेह करना उचित नहीं है। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि मैं अविभाजित मध्य प्रदेश में गृह मंत्री था, तब तो इतना भरमार जब्त नहीं होता था। इससे पहले डॉ. महंत ने कहा कि भरमार चलत है या नहीं या सिर्फ दिखावे के हैं। संशय इस बात की है कि हर नक्सली के सामने भरमार जब्त होता है। क्या आपने चेक किया है कि जब्त भरमार बंदूकों में कितने चलने लायक हैं। आज की तारीख में भरमार से फायरिंग करते देखा है। नक्सली बताने के लिए भरमार को लेकर जाते हैं बॉडी के साथ रख देते हैं।
इससे पहले डॉ. महंत ने नक्सली घटनाओं की स्वीकारोक्ति के लिए गृहमंत्री शर्मा को बधाई दी। डॉ. महंत ने पूछा था कि दिसंबर 2023 से जून 2024 की अवधि में प्रदेश में कितनी नक्सली घटनाएं और नक्सली पुलिस मुठभेड़ की घटनाएं किस- किस जिले के किस थाना क्षेत्र में हुई हैं? नक्सली घटनाओं एवं मुठभेड़ में सुरक्षाबल के कितने जवान शहीद हुए? कितने घायल हुए, कितने नागरिक मारे गये और कितने नक्सली मारे गए तथा कितने गिरफ्तार किये गये।
इस पर गृह मंत्री शर्मा ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि इस दौरान कुल 273 नक्सली घटनाएं हुई हैं जिसमें नक्सली पुलिस मुठभेड़ की 92 घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में सुरक्षाबल के 19 जवान शहीद और 88 जवान घायल हुए हैं। इस दौरान माओवादियों द्वारा 34 आम नागरिकों की हत्या की गई, 137 नक्सली मारे गये और 171 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। अपने उत्तर में गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश की जेलों में इस वक्त कुल 790 नक्सली बंद हैं। इनमें से 25 सजा प्राप्त तथा 765 नक्सली विचाराधीन हैं।