रायपुर-विशाखापट्नम इकोनॉमिक कॉरिडोर भू-अर्जन घोटाला: ईओडब्ल्यू ने मारा छापा, 48 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति का खुलासा

रायपुर-विशाखापट्नम इकोनॉमिक कॉरिडोर भू-अर्जन घोटाला: ईओडब्ल्यू ने मारा छापा, 48 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति का खुलासा

रायपुर। रायपुर से विशाखापट्नम तक प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस मामले में 48 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति का आरोप लगाते हुए 20 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है।

ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर क्रमांक 30/2025 के अनुसार, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अभनपुर निर्भय साहू और अन्य राजस्व अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी भूमि को निजी भूमि बताकर शासन को ही उसे मुआवजा देकर खरीदने की साजिश रची। यही नहीं, कई मामलों में भूमि स्वामियों के बजाय अन्य व्यक्तियों को मुआवजा दिया गया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अधिक राशि का भुगतान किया गया।

48 करोड़ की आर्थिक क्षति का प्राथमिक आंकलन

अब तक पांच गांवों के भूमि अधिग्रहण की जांच में यह सामने आया है कि गलत मुआवजा निर्धारण के कारण शासन को लगभग 48.03 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति हुई है। बाकी अधिग्रहित जमीनों की रिपोर्ट आना बाकी है, जिससे यह नुकसान और अधिक बढ़ सकता है।

ईओडब्ल्यू की 20 ठिकानों पर रेड

आज दिनांक 25 अप्रैल 2025 को ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त टीमों ने रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में 20 स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों और कार्यालयों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी और निवेश संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

इन लोगों के खिलाफ जांच जारी:

जांच में निर्भय कुमार साहू, जितेन्द्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश कुमार देवांगन, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरण, बसंती धृतलहरे, रोशन लाल वर्मा, हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, विजय जैन, दशमेश इन्ट्रावेंचर प्रा. लि., हृदय लाल गिलहरे एवं विनय कुमार गांधी को संदेह के दायरे में लिया गया है।

धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज

इस घोटाले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और भारतीय दंड संहिता की धारा 467, 468, 471, 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ईओडब्ल्यू की जांच जारी

ईओडब्ल्यू द्वारा जब्त दस्तावेजों की जांच और विश्लेषण जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं, और शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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