महादेव एप का सह संचालक रवि उप्पल टायर दुकान चलाता था। कोरोना काल के पहले वह सौरभ चंद्राकर के संपर्क में आया। इसके बाद उसी ने सौरभ चंद्राकर को इंजीनियरों से मिलवाया। इस तरह महादेव बुकिंग सट्टा एप बनकर तैयार हुआ। रवि को शुरू से जुआ सट्टे की लत थी। इसी से परेशान होकर स्वजनों ने टायर दुकान खोलकर दी थी। महादेव एप मामले में रवि को दुबई में गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि रवि उप्पल के पिता भिलाई इस्पात संयंत्र ठेकेदार थे। विद्या विहार नेहरू नगर वेस्ट में उप्पल परिवार का मकान है। रवि उप्पल तीन भाई है। दोनों भाई ठेकेदार सहित अन्य कामकाज में करते हैं। रवि उप्पल का ध्यान शुरू से जुआ सट्टा में लगा रहता था। जुआ सट्टा में उसे काफी नुकसान भी होता था। जब जुआ सट्टा में कुछ पैसे आते तो वह सामाजिक, खेलकूद अन्य आयोजन में कुछ रकम देकर अपना नाम बनाने का भी प्रयास करता था।
रवि उप्पल के जुआ सट्टे की आदत से परेशान होकर परिजनों ने उसे एक टायर दुकान खोलकर दे दिया। काफी दिनों तक वह दक्षिण गंगोत्री सुपेला में टायर दुकान चलाता रहा। पर दुकान चल नहीं पाई। कोरोना काल के पहले वह सौरभ चंद्राकर के संपर्क में आया। सौरभ चंद्राकर की नेहरू नगर भिलाई में जूस की फैक्ट्री थी। रवि उप्पल जूस की फैक्ट्री में पार्टनर बन गया। दोनों ने छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों में जूस की फ्रेंचायजी भी दी, पर यहां भी सफलता नहीं मिली।
2020 में की थी महादेव एप की शुरुआत
सूत्र बताते हैं कि रवि उप्पल की तरह सौरभ चंद्राकर को भी सट्टा खेलने का शौक था, पर फायदा कभी-कभी ही होता था। अक्सर नुकसान होने के बाद दोनों ने तय किया कि अब खुद का एप बनाकर सट्टा खिलाया जाए। कहते हैं कि महादेव एप बनाने के लिए सौरभ को रवि उप्पल ने एप बनाने वाले तकनीशियनों से मिलवाया था। कोरोना काल के बाद 2020 में महादेव एप की शुरुआत हुई। एक अखबार में महादेव एप का विज्ञापन छपने के बाद यह एप चर्चा में आया। जब एप के माध्यम से ज्यादा पैसे आने लगे तथा शहर में महादेव गेमिंग एप की चर्चा ज्यादा होने लगी तो सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई शिफ्ट हो गया। यहां से उन्होंने अपना कारोबार पूरे भारत में फैलाया और अरबों का सामाज्य खड़ा कर लिया।
शादी में दो सौ करोड़ खर्च, तब सक्रिय हुई सरकार
कहा जा रहा है कि महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा जब देश के कोने-कोने में महादेव एप की फ्रेंचायजी दी जाने लगी तब इसकी चर्चा और शुरू हुई। छत्तीसगढ़ पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। एक-एक कर महादेव से जुड़े 450 लोग पकड़े गए। संचालक सौरभ चंद्राकर की शादी में दो सौ करोड़ खर्च किए जाने की चर्चा जब देश भर में होने लगी तब इडी ने सौरभ और रवि उप्पल समेत कई लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मुंबई क्राइम ब्रांच ने भी दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की