बीजापुर में सुरक्षाबलों के लाल आतंक पर चौतरफा प्रहार की वजह से अब नक्सलवाद का दम निकल रहा है. एक साथ कुल 22 माओवादियों ने बीजापुर पुलिस फोर्स के सामने हथियार डाले हैं. इनमें तेलंगाना स्टेट कमेटी (TSC) और AOB डिवीजन पार्टी (Andhra Odisha Border) के सदस्य भी शामिल हैं. इसके अलावा नक्सलियों के प्लाटून नंबर 9 और 10 के पार्टी सदस्य भी सरेंडर करने वाले माओवादियों का हिस्सा है. गालूर एरिया कमेटी के हिरमागुण्डा आरपीसी एवं पामेड़ एरिया कमेटी कोण्डापल्ली आरपीसी के सदस्यों ने भी हथियार डाले हैं.
नक्सल संगठन से मोहभंग के बाद लिया फैसला: सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने नक्सल संगठन से मोहभंग होने के बाद यह फैसला लिया. सरकार की तरफ से बीजापुर और बस्तर में चलाए जा रहे विकास के कार्यों से माओवादी प्रभावित हुए उसके बाद उन्होंने खून खराबा से तौबा कर लिया. नवीन सुरक्षा कैम्प की स्थापना, सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली एवं शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजना का भी प्रभाव इन नक्सलियों पर पड़ा है. सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार प्रसार से माओवादी संगठन से इन नक्सलियों का मोहभंग हुआ. उसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया.