राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, भारत ने दुनिया को विविधता में एकता नहीं, विविधता ही एकता का मंत्र दिया है। अलग-अलग विचारों के बीच दुनिया कैसे एक रह सकती है, यह विचार भारत की सभ्यता और संस्कृति से उपजा है।
ऐसे समय में जब भारत सांस्कृतिक और वैचारिक क्षेत्र में पिछड़ने के बाद नए सिरे से उठ खड़ा हुआ है तब दुनिया में एकता स्थापित करने के लिए भारत के इस मूल मंत्र का व्यापक प्रचार होना चाहिए।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक रंगा हरि की पुस्तक पृथ्वी सूक्त के लोकार्पण कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मानव जीवन का असली लक्ष्य अपने लिए सुख हासिल करना नहीं, बल्कि ज्ञान हासिल करना है।