जुड़ रहे अनेक समाज एवँ आमजन- ग्रीनआर्मी
बोरियाखुर्द चंद्रशेखर वार्ड 52 के अंतर्गत गजराजबान्ध जलाशय कभी पानी से लबालब भरा हुआ करता था, इसका क्षेत्रफल के कारण ही इसका नाम गजराज बांध है। जो कि आज अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। स्थानीय निवासीयो का कहना है पहले नाले के माध्यम से बोरियाखुर्द, कांदुल, काठडीह एवँ आसपास के गांव में इसी जलस्त्रोत का उपयोग किया जाता था आज इसका दयनीय स्थिति देख कर पुराने बुजुर्ग एवँ आसपास के स्थानीय दुखी है। किन्तु अब ग्रीन आर्मी के साथ गजराज जलाशय को संरक्षित करने आमजन भी प्रत्येक रविवार घमेला, फावड़ा लेकर शामिल हो रहे है। एक ओर राज्य सरकार द्वारा तालाब सौंदर्यीकरण पर करोड़ो खर्च किया जा रहा दूसरी ओर रायपुर का सबसे बड़ा जलाशय गजराज बांध अपनी अंतिम सांसे ले रहा है स्थानीय निवासियों ने कहा इस तालाब का संरक्षण किसी की प्राथमिकता नहीं, केवल वॉटर हार्वेटिंग एवँ तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर आमजन को गुमराह किया जा रहा है ज्ञात हो विगत दिनों ग्रीन आर्मी ने साहू समाज के साथ अदरणीय मुख्यमंत्री से भक्त माता कर्मा की 1007वी जयंती पर केवल समाज के लिए नहीं अपितु पूरे रायपुर नगर के लिए बोरियाखुर्द गजराज की गहरिकरण और चौडीकरण हेतु निवेदन किए। किन्तु जिम्मेदार लोगों की निष्क्रियता के कारण, बोरियाखुर्द गजराज 230 एकड़ बांध मिटने के कगार पर हैं, इसलिए ग्रीन आर्मी, गजराजबान्ध संरक्षण समिति, शहरवासी एवँ बोरियाखुर्द के निवासियों ने एक आदमी एक घमेला अभियान तथा स्वेक्षा सहयोग से 2-घंटा JCB से गहरिकरण का कार्य जनजागरण मुहिम के तहत विगत दिनो प्रारंभ किया और इसे प्रत्येक रविवार सुबह 8-10 बजे पूर्ण गहरिकरण तक जारी रखने संकल्प दुहराये, इसी के तहत ग्रीन आर्मी की पूरी टीम गजराज ।के कार सेवा प्रदान कर रही है तथा जेसीबी मशीन के द्वारा भी मिट्टी को खोदकर उसे तालाब से बाहर निकालकर फेंकने का काम कर रही है, गजराज बांध बचाने 19 मार्च को श्री रवि ठाकुर जी अम्लिडिह प्रभारी 1.5 घंटे का ,गुढ़ियारी जोन एवं सर्वसेन समाज जिला रायपुर आया आगे आज 26 तारीख रविवार को 1 घंटे का जेसीबी का व्यवस्था या खर्च दोनों मिलकर वहन किए हैं ,गुढ़ियारी जोन के प्रभारी श्री हितेंद्र साहू जी ने अपने स्वर्गीय दादाजी के पुण्य स्मृति में तथा सेन समाज के पदाधिकारी गण दीप प्रज्वलन कर आज का खुदाई का कार्य शुरू किए।
ग्रीन आर्मी ने समस्त नगर वाशियों से आग्रह किया है गजराज बांध(क्षेत्रफल 230 एकड़) को बचाने जरूर आगे आए।