Scrub Typhus: बरेली में मिला स्क्रब टाइफस का मरीज, स्वास्थ्य महकमे में मची खलबली; जानलेवा है ये रोग

Scrub Typhus: बरेली में मिला स्क्रब टाइफस का मरीज, स्वास्थ्य महकमे में मची खलबली; जानलेवा है ये रोग

बरेली में वर्षों बाद जानलेवा रोग स्क्रब टाइफस का मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। निजी लैब की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। हालत बिगड़ने पर युवक को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोमवार को आईडीएसपी टीम लैब से संपर्क करेगी। यह रोग चूहे, छछूंदर के काटने से फैलता है।

पीलीभीत बाईपास के रहने वाले संदीप ने तबीयत बिगड़ने पर कुछ दिन पहले डॉक्टरों को दिखाया। लक्षण स्क्रब टाइफस के प्रतीत होने पर उन्हें जांच कराने के लिए कहा गया। इस पर उन्होंने एक निजी लैब से जांच कराई। रिपोर्ट आने से पहले ही युवक की तबीयत और बिगड़ गई। बेहतर इलाज के लिए परिजन युवक को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले गए हैं।

इधर, 48 घंटे बाद रिपोर्ट आई तो उसमें स्क्रब टाइफस के संक्रमण की पुष्टि हुई। निजी लैब ने सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। रविवार होने की वजह से युवक के परिवार से विभाग का संपर्क नहीं हो सका। सोमवार को इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट के निर्देशन में टीम लैब जाएगी।

जानलेवा है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टायफस का बुखार खतरनाक जीवाणु रिक्टेशिय (संक्रमित माइट पिस्सू) के काटने से फैलता है। यह जीवाणु लंबी घास व झाड़ियों में रहने वाले चूहे, छछूंदर के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपते हैं। इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चल रहे रैबीज क्लीनिक के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में चूहे, छछूंदर काटने के मामले बढ़े हैं। लिहाजा, एहतियात बरतने की जरूरत है।

क्या होता है स्क्रब टायफस

स्क्रब टाइफस एक बीमारी है जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है। जो संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है। इसे बुश टाइफस भी कहते हैं। ये वेक्टर जनित बीमारी है। जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दे, सांस से जुड़ी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। कई मामलों में मल्टी आर्गन फेल्योर से रोगी की मौत भी हो सकती है।

स्क्रब टाइफस के लक्षण
बुखार के साथ ठंड लगना, सिर दर्द, शरीर में दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द होने के साथ गंध और स्वाद का पता न लगना प्राथमिक लक्षण हैं। बीमारी का शुरू में पता नहीं चलता। हालत बिगड़ने लगती है। स्क्रब टाइफस से संक्रमण की पुष्टि समय से होने पर पर मरीज को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन की दवाएं दी जाती हैं। नियमित इलाज से मरीज के ठीक होने की संभावना भी रहती है।

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