इससे पहले प्रश्नकाल की शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से शेर अर्ज करने की इजाजत मांगी। अध्यक्ष ने कहा कि आज आपने शेरो-शायरी से शुरुआत की है, पांच साल ऐसा ही चलता रहे। नेता प्रतिपक्ष ने इस पर अपनी सहमति जताते हुए शेर सुनाया।
खामोश लम्हे, झुकी हैं पलके, दिलों में उलफत नई-नई
अभी तकल्लुफ है गुप्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है।
बहार का आज पहला दिन है, चलो चमन में घूम में आएं।
फिजा में खुशबू नई-नई है, गुलो में रंगत नई-नई है।
डॉ. महंत से शेर सुनने के बाद डॉ. रमन सिंह कह उठे कि आप इस उम्र में भी आप रोमांटिक हैं, यह अच्छी बात है। इसके बाद गुंडरदेही से कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी शेर सुनाया।
वो जो रास्ते थे वफा के थे, ये जो मंजिलें हैं सजा की है।
उनका हमसफर कोई और था, इनका हमनसीब कोई और है।
इसके बाद गुडरदहा स काग्रेस विधायक कुवर सिंह निषाद न भी शेर सुनाया।
वो जो रास्ते थे वफा के थे, ये जो मंजिलें हैं सजा की है।
उनका हमसफर कोई और था, इनका हमनसीब कोई और है।
मुंगेली से भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुन्नूलाल मोहले भी अपने आप को नहीं रोक पाए। उन्होंने ने भी शेरो-शायरी से जवाब दिया।
नई उमंग है, नई जोश है।
आप थोड़े दिल से खामोश हैं, क्यों चुप हैं।