साल 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को ख़ास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 से जुड़े प्रावधानों को हटाया था.
तब से लेकर बीते कुछ वक़्त तक कश्मीर के नेताओं, आम लोगों,वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं.
इन याचिकाओं पर साल 2020 के बाद सुनवाई नहीं हो पाई थी.
अब तीन जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए नई संवैधानिक पीठ का गठन किया है.
इस पीठ में चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.
याचिकाओं पर सुनवाई 11 जुलाई से शुरू होगी.
370 से जुड़ी याचिका कश्मीर के चर्चित आईएएस अधिकारी रहे शाह फैसल ने भी दायर की थी. लेकिन साल 2018 में आईएएस पद से इस्तीफ़ा देने वाले शाह फैसल ने जब 2022 में फिर से प्रशासनिक सेवाएं जॉइन की तो अपनी याचिका वापस लेने की ख़बरें भी आई थीं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, सितंबर 2022 में शाह फ़ैसल ने 370 को चुनौती देती याचिका से अपना नाम वापस लेने की अर्जी दी थी.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है, उसमें शाह फ़ैसल का नाम लिखा हुआ है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने शाह फ़ैसल के हवाले से लिखा है कि वो इस याचिका को काफ़ी वक़्त पहले वापस ले लिया था.
अब जब सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ बनाई है, तब शाह फै़सल की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
शाह फ़ैसल ने ट्वीट किया है, ”मेरी तरह कई कश्मीरियों के लिए 370 अब अतीत की बात है. झेलम और गंगा अच्छे के लिए हिंद महासागर में मिल गई हैं. अब यहां से पीछे नहीं मुड़ना. अब सिर्फ़ आगे बढ़ना है.’
शाह फ़ैसल ने डल झील के पास जी-20 के कश्मीर में स्वागत करते पोस्टर की तस्वीर भी साझा की है.