मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज रंग ला रहा है। जमीनी हकीकत और छत्तीसगढ़ के लोगों की जरूरतों से जुड़ी उनकी योजनाओं ने पुरखों के सपनों के ‘नवा छत्तीसगढ़‘ गढ़ने की परिकल्पना को धरातल पर साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनके पिछले पौने पांच साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि वे छत्तीसगढ़िया गौरव और स्वाभिमान को जगाने में कामयाब रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रारंभ किए गए नवाचारों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया और सराहना पायी। नवाचारों को दूसरे राज्यों अपनाने के लिए आगे आ रहे है। संसदीय समितियों और नीति आयोग ने भी छत्तीसगढ़ के इन नवाचारों की सराहना की है। सुराजी गांव योजना, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना, गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जब प्रारंभ हुई थीं, तब लोगों ने इनकी सफलता पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाया था, लेकिन इन योजनाओं को लागू करने में मुख्यमंत्री श्री बघेल के दृढ़ संकल्प ने योजनाओं की सफलता ने नया कीर्तिमान बनाया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में लागू की गई न्याय योजनाओं से बड़ा बदलाव आया है। किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों, पशुपालकों और गरीबों की जेब में सीधे पैसे डालने की योजनाओं से लोगों की आर्थिक स्थिति और जीवनस्तर में सुधार हुआ है, उनकी क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे छत्तीसगढ़ के बाजारों की रौनक बढ़ी और उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में उत्साहजनक वातावरण बना है। नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी के दायरे से बाहर आए हैं। इस उपलब्धि में छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद श्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले किसानों से किए गए कर्जमाफी का वायदा निभाया और किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की। राज्य के किसानों के 9270 करोड़ रुपए से अधिक के कृषि ऋण अदायगी में छूट दी गई। इसके साथ ही 244.18 करोड़ रुपए का सिंचाई कर भी माफ किया गया। किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया गया था। समर्थन मूल्य के अलावा अंतर की राशि को राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू कर आदान सहायता के रूप में प्रदान किया जा रहा है।
वनवासियों के लिए आय में वृद्धि का स्रोत बढ़ाने सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली लघुवनोपजों की संख्या को सात से बढ़ाते हुए 65 प्रकार के लघुवनोपज तक कर दी गई है। तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य में बड़ी वृद्धि करते हुए 2500 रुपए से 4000 हजार रुपए तक किया गया। वहीं तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए 5 अगस्त 2020 को शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत की गई। इसमें 4555 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 31 मार्च 2022 की तारीख तक 63 करोड़ 43 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया गया है। आदिवासियों की लोहाण्डीगुड़ा में टाटा समूह द्वारा 4200 एकड़ अधिगृहीत जमीन वापसी कराई गई।
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत करते हुए निम्न आय वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर दिलाने की पहल। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करते हुए राज्य सरकार द्वारा 377 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम तथा 350 स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम के स्कूल प्रारंभ किए गए है, जहां 4.21 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। इन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और लाइब्रेरी, लैब सहित अधोसंरचना इतनी अच्छी है कि निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने इन विद्यालयों में प्रवेश लेने की होड़ लगी रहती है। चंूकि इन स्कूलों में शिक्षा निःशुल्क दी जा रही है, इससे भी शिक्षा पर होने वाले खर्च में लोगों की बचत हो रही है।
राज्य के युवाओं को अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा के लिए 10 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ किए गए हैं। आने वाले समय में सभी जिला मुख्यालय में अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने की योजना है। राज्य में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए है। चार नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए और जिनमें से एक निजी कॉलेज का अधिग्रहण किया गया है। इसी प्रकार चार नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई। इन्हें मिलाकर आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 6 से बढ़कर 14 हो जाएगी।
सुराजी गांव योजना के तहत नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम से विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की है। गोधन न्याय योजना जिसके अंतर्गत गोबर खरीदी योजना लाया गया और गौठानों का निर्माण किया गया। गोबर के साथ गोमूत्र खरीदने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है। महंगी दवाओं से राहत देने के लिए श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की शुरुआत जहां 50 से 72 फीसदी तक छूट में 300 से अधिक प्रकार की दवाएं और मेडिकल उपकरण उपलब्ध हैं। सी-मार्ट (छत्तीसगढ़ मार्ट) की शुरुआत करते हुए ग्रामीण उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने का कार्य किया गया।
इन योजनाओं के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, लघुवनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और प्रसंस्करण, मिलेट्स के समर्थन मूल्य पर खरीदी और प्रसंस्करण, जैसी योजनाओं ने भी लोगों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ-साथ बेरोजगारी भत्ता योजना ने बेरोजगार युवाओं को संबल प्रदान किया है। राजीव युवा मितान क्लब योजना ने युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का काम किया है।
गांव के गौठानों में प्रारंभ किए गए रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के माध्यम से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार और आय के साधन मिले हैं। प्रदेश में 300 रीपा विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें ग्रामीण युवाओं को छोटे-छोटे उद्योग धंधे प्रारंभ करने के लिए जमीन, बिजली, पानी, बैंक लिंकेज और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। रीपा में पौनी-पसारी के तहत परम्परागत व्यवसाय करने वाले लोगों को भी अपनी गतिविधियों के लिए शेड उपलब्ध कराये जा रहे हैं।