नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया गया है. अब खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) से फेडरेशन का कामकाज चलाने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने को कहा है.
खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन को एक पत्र लिखा है. मंत्रालय ने आईओए अध्यक्ष को लिखे पत्र में भारतीय कुश्ती संघ का संचालन राष्ट्रीय खेल विकास संहिता में दिए राष्ट्रीय खेल फडरेशन के कामकाज की तरह करना सुनिश्चित करने को कहा गया है.
आईओए को क्या करने को कहा गया है?
इसमें एथलीटों के चयन, अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उनके भाग लेने, खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन आदि करना शामिल है. मंत्रालय ने इस काम को तत्काल प्रभाव से करने को कहा है. यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी.
अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक़ खेल मंत्रालय ने यह पत्र आईओए की प्रमुख पीटी उषा को लिखा है. पत्र पर खेल मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी तरुण पारीक के दस्तखत हैं.
भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव
भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव गुरुवार को कराए गए थे. इसमें संघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए थे.
इस चुनाव का अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने विरोध किया था. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों की इस लड़ाई में ये तीनों पहलवान प्रमुख रूप से शामिल थे. कुछ महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे.
संजय सिंह के चुनाव के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी. वहीं बजरंग पूनिया ने अपना ‘पद्मश्री’ लौटा दिया था.
नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि अब उनका कुश्ती से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कुश्ती को लेकर क्या करना है, इसका फैसला नए चुए गए पदाधिकारियों को करना है. उन्होंने कहा था कि उनके पास कई और भी काम हैं. उन्होंने कहा कि वो इस खेल की राजनीति से दूर रहेंगे.