राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाने वाले तहसीलदार नीलमणि दुबे निलंबित

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाने वाले तहसीलदार नीलमणि दुबे निलंबित

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाने वाले तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे को निलंबित कर दिया गया है. निलंबित होने के बाद नीलमणि दुबे को सिमगा तहसील से मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में ट्रांसफर किया गया है. जूनियर प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे. मीडिया में दिए खुलेआम बयान के बाद वो चर्चा में आए. बाद में राज्य शासन ने एक्शन लेते हुए नीलमणि दुबे को निलंबित कर दिया. नीलमणि दुबे को निलंबित करने का आदेश अवर सचिव अन्वेष घृतलहरे की ओर से जारी हुआ.

राजस्व मंत्री पर झूठे आरोप लगाना पड़ा भारी: निलंबित किए गये नीलमणि दुबे के निलंबन आदेश में लिखा गया है कि 13 सितंबर को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का ट्रांसफर किया गया. इन तबादलों को लेकर नीलमणि दुबे ने मीडिया में बिना शासन की अनुमति लिए सरकार के खिलाफ बयानबाजी की. पत्र में ये भी लिखा गया कि तहसीलदार का ये आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के खिलाफ है. नियमों का उल्लंघन है. इसलिए राज्य शासन नीलमणि दुबे तहसीलदार को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियम के तहत दोषी पाती है, तत्काल प्रभाव से निलंबित करती है.

ट्रांसफर कर मोहला मानपुर भेजा गया: निलंबित होने के बाद तहसीलदार को मुख्यालय जिला कार्यालय मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी भेजा गया है. निलंबन की अवधि में नीलमणि दुबे को नियमानुसान जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा. नीलमणि दुबे ने आोरप लगाया था कि ” संगठन से जुड़े पदाधिकारी का तबादला दूर दराज के इलाकों में किया गया है. तबादले में नियमों का पालन भी नहीं किया गया. दो माह के भीतर कई अधिकारियों का तबादला दोबारा किया गया”. तहसीलदार के बयान के बाद सरकार की जमकर किरकिरी भी हुई थी.

नीलमणि दुबे अपनी बयानबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं: तहसीलदार नीलमणि दुबे हमेशा से अपने बयान के लिए चर्चा में रहे हैं. नीलमणि जब पलारी में तैनात थे तभी वो कसडोल विधायक के खिलाफ बयानबाजी कर सुर्खियों में रहे. अपने तीखे बयानों और आरोपों के लिए हमेशा से मुखर माने जाते रहे हैं.

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