छत्तीसगढ़ के रामायण ने राज्य
का राजनीतिक पारा हाई कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करके बीजेपी पर हमला बोला है। इस पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने पलटवार करते हुए इसे विक्टिम कार्ड खेलने की साजिश करार दिया है।
दरअसल, पूर्व सीएम ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को राम बताया गया है। डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भरत बताया गया है। इसी तरह बीजेपी के अन्य नेताओं और मंत्रियों की तुलना की गई है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को विभीषण, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है। कांग्रेस इसके खिलाफ शिकायत करने थाने पहुंच गई है।
पूर्व सीएम बोले- छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएं आहत
वहीं, पूर्व सीएम ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि सूचनाः माननीय विष्णुदेव साय जी ने अपनी PR टीम के माध्यम से स्वयं को “प्रभु राम” घोषित कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और महिला नेताओं को राक्षस प्रदर्शित किया है. मुख्यमंत्री जी ! आप कुछ भी हो सकते हैं आप भगवान नहीं हो सकते. हमारे भांचा राम से अपनी तुलना करके आप छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएँ आहत कर रहे हैं.
वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने भी वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि सत्ता में आते ही भाजपा RSS वाले खुद को भगवान समझने लगते हैं। अब मुख्यमंत्री जी को श्री राम बता कर विपक्ष के लोगों, खास कर स्त्रियों को राक्षस राक्षसी बता रहे हैं। कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री ने भी भरी संसद में विपक्ष की नेत्री की तुलना राक्षसी से की थी। तो जाहिर हैं ये महिला और आस्था विरोधी संस्कार कहां से आ रहे हैं और भाजपा नेताओं एवं समर्थकों को इसी का पालन करने का आदेश है। सभी से विनम्र अनुरोध है कि आस्था का इस प्रकार अपमान न करें। ईश्वर से स्वयं की तुलना न करवाएं – पहले अच्छे मनुष्य बनने की कोशिश करें।
कांग्रेस नेताओं पर मीडिया सलाहकार का पलटवार
कांग्रेस नेताओं के इस पोस्ट का सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने जवाब दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट किया है कि जैसा आपका और आपकी पार्टी का रिकॉर्ड रहा है श्रीमान, वैसे में कोई बड़ी बात नहीं कि सुर्खियां बटोरने के लिए खुद ही बनवाया हो और उसका खुद ही विरोध कर हमेशा की तरह नॉन इशू को इशू बनाने में लगे हों। अगर ऐसा नहीं है, तो आम जनता अपनी तरह से आजकल रचनात्मक अभिव्यक्ति करती है सोश्यल मीडिया पर, इसमें अनावश्यक रूप से किसी ‘टीम’ पर प्रहार करना आपकी विवशता दिखाता है। अगर यह आपकी टीम ने नहीं किया है, तो ऐसी क्रियेटिविटी को अपने विरुद्ध प्राकृतिक न्याय मानकर कृपया सहन कीजिये। भांचा राम आपको सहिष्णु बनायें।