भाजपा सरकार ने देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई की आग में झोंक दिया – शोभा ओझा

भाजपा सरकार ने देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई की आग में झोंक दिया – शोभा ओझा

रायपुर – कांग्रेस की राष्ट्रीय नेत्री महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा शोभा ओझा रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन मे पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा ,केंद्र की भाजपा सरकार विश्व के सबसे युवा देश के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं देपाई। देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई की आग में झोंक दिया।

किसानों को आमदनी दोगुनी करने का कोरा झांसा दिया गया। समाज के पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्गों को तरक्षी का पर्याप्त अवसर नहीं दिया। अवसर बस अपने धन्ना सेठ दोस्तों के लिए सृजित किए गए और इन संघ नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भारत को नफरत, निराशा और नकारात्मकता के दलदल में धकेल दिया ।

आज भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश के संसाधनों का रूख मुट्ठी भर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसलिए राहुल गांधी जी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भाजपाई सत्ता की नफरत, निराशा और नकारात्मकता की जड़ता को तोड़ रहे हैं और भारत को जोड़ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में लाखों-करोड़ों लोग पैदल चल रहे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह पदयात्रा अब जम्मू पहुंच गई है और 3,900 किलोमीटर लम्बी यात्रा का आज 131 वां दिन है।

अब कांग्रेस पार्टी इस भारत जोड़ो’ अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जनसंवाद कार्यक्रम हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाएगी जिसका नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत भारत के 6 लाख गांवों, 2.50 लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुँचकर राहुल गाँधी जी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुँचाई जाएगी।

आइये जानते हैं ‘भारत जोड़ो और ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ क्यों जरूरी है :

महंगाई के मकड़जाल को तोड़ो-हाथ से हाथ जोड़ो

मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रु. का था, आज वह 1,050 रु. के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रु. प्रति लीटर के पार हो गए हैं जबकि डीजल के दाम 55 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 90 रु. प्रति लीटर के करीब पहुंच गए हैं। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रु. और 60 रु. प्रति किलो थी. वह 200 रू. प्रति किलो को पार कर गई है।

इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया।

होटल के 1,000 रु. के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी ! जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कूल ऑयल की कीमतें लगातार घट रही है मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही है। बीते के सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं।

देश को असमानता और कर्ज की आग में झोंका दिया सिर्फ धन्ना सेठों को मौका

हाल ही में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 5 प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति है और नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की मात्र उ प्रतिशत संपत्ति विडंबना यह है कि नीचे इन 50 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है और ऊपर के 10 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी केवल 3 प्रतिशत है जबकि उनके पास देश की 70-80 प्रतिशत संपत्ति है।

“”ऑक्सफेम’ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की विभीषिका में भी देश के 100 बड़े पूंजीपतियों ने 15 लाख करोड़ रुपए कमाए पर 12 करोड़ मेहनतकश लोगों ने अपना रोजगार खो दिया। मोदी जी के कई मित्रों की आय तो ₹1,000 करोड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। महामारी की विभीषिका में 84 करोड़ लोगों की आमदनी घट गई लेकिन सरकार की मेहरबानी

धन्नासेठों पर रही। उनका 10 लाख करोड़ रु. से अधिक का बैंक कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया। मोदी सरकार की सरपरस्ती में 6,35,000 करोड़ रु. के बैंक फ्रॉड हुए और नियोजित रूप से विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ऋषि अग्रवाल और संदेसरा बंधु जैसे कई लोगों को देश से भगा दिया गया।

आजादी के बाद से मई 2014 तक देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था जो मोदी सरकार के

बीते आठ साल के कार्यकाल में बढ़कर 155 लाख करोड़ रुपए हो गया है। हाल में आई ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट ने बताया कि भारत में मुखमरी के हालात ये है कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गए हैं। 116 देशों की सूची में हमारा देश 101वें पायदान पर लुढ़क गया है।

किसानों की घटती आमदनी का रुख मोड़ो-हाथ से हाथ जोड़ो

हाल ही में एएसओ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि देश में किसानों की औसत आमदनी मात्र ₹27 प्रतिदिन रह गई है, जो मनरेगा मजदूरी से भी कम है। वादे आय दोगुनी करनी के और असलियत में किसान की आय दसियों गुना कम कर दी गई।

एएसओ की रिपोर्ट में यह भी चौकाने वाला तथ्य सामने आया कि देश के हर किसान पर औसत ₹74,000 कर्ज है। एक तरफ सरकार किसानों का कर्ज माफ करने से इंकार करती है दूसरी तरफ पार्लियामेंट्री कमेटी ने यह खुलासा किया है कि 2020-21 में मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कमी करके देश की 1,84,000 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है।

यह परिस्थितियाँ इसलिए निर्मित हुई क्योंकि मोदी सरकार ने बीते सालों में डीजल के दाम बढ़ाकर और कृषि यंत्रों, खाद व कीटनाशक पर जीएसटी लगाकर खेती की लागत 25,000 रू. हेक्टेयर बढ़ा

आत्महत्या के देश से नाता तोड़ो-हाथ से हाथ जोड़ो

बीते 8 वर्षों में भारत के नागरिकों के मनोबल को तोड़ा गया है। उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताडित किया गया है। हाल ही में आई केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में कुल 1,84,033 लोगों ने आत्महत्याएं की, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा रोज कमाकर आजीविका चलाने वालों का है, जो 42,004 है। उनके अलावा 23,179 गृहिणियाँ, 13,714 बेरोजगार, 13:089 छात्र और 10,881 किसान भी आत्महत्या को मजबूर हुए हैं।

चीनी घुसपैठ की बाँह मरोड़ो हाथ से हाथ जोड़ो

भारत की अक्षुण्णता और भूभागीय अखंडता को भी तोडा जा रहा है। चीन लदाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमा में न सिर्फ 2.000 किलोमीटर घुसा हुआ है, बल्कि स्थाई सैन्यः इन्फास्ट्रक्चर के साथ-साथ पूरी रिहाइशी कॉलोनी भी बना रहा और सत्ताधीश आँख मूंदकर बैठे हुए है। इतना ही नहीं, सरहदों के साथ-साथ चीन को व्यापार की हदें भी पार करा दी गई है। आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक 100 बिलियन डॉलर का आयात कर भारत के एमएसएमई सेक्टर को तबाह किया जा रहा है।

साम्प्रदायिक विद्वेष से नाता तोड़ो हाथ से हाथ जोड़ो

मोदी सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालकर सत्ता हासिल करने के लिए देश को जाति, धर्म, भाषा, प्रांत, पहनावे और खान-पान के आधार पर बांट रही है। हम समूचे देश से आग्रह करते हैं कि अपने गौरवशाली अतीत को स्वर्णिम भविष्य में बदलने के लिए हम सब कदम से कदम मिलाकर भारत को जोड़ने का संकल्प लें और ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित

आज बेरोजगारी से जार-जार हर युवा का हाथ काम चाहता है, आज मेहनतकश किसान अपने हाथों मैं फसलों के सही दाम चाहता है, आज हर गृहिणी का हाथ महंगाई से निजात चाहता है। आज भाजपा की सत्ता की भूख ने देश को साम्प्रदायिक उत्पाद की आग में झोंक दिया है। देश में निर्मित इस माहौल में आज हर धर्म-सम्प्रदाय एक दूसरे का साथ और हाथ में हाथ चाहता है।

देश की इसी दिशा और दशा को बदलने के लिए हम हाथ बढ़ाएंगे, राहुल गांधी जी का संदेश हर घर तक पहुंचाएंगे। भारत को जोड़ा है, अब हर हाथ से हाथ को जोड़ते जाएंगे।

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