अभी भी धड़ल्ले से चलता है ओव्हर रेट शराब का कारोबार….

अभी भी धड़ल्ले से चलता है ओव्हर रेट शराब का कारोबार….

शासन के सख्त निर्देश के बाद भी आबकारी विभाग में प्रति बोतल दस रूपए का ओव्हर रेट का कारोबार जमकर फळ फूल रहा है। प्लेसमेन्ट कर्मचारी और अधिकारी,सरकार की आंख में धूल झोंककर प्रतिदिन लाखों रूपयों का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि इसकी भनक सरकार को भी नहीं है। लेकिन इतना निश्चित है कि रायपुर स्थित आबकारी विभाग के आला धिकारियों की जमकर चांदी कट रही है। सूत्र ने बताया कि अधिकारियों की शह पर प्लेसमेन्ट कर्मचारी अपने काम को धड़ल्ले से अंजाम दे रहे हैं। स्थानीय रसूख दारों का भी भला हो रहा है।

सरकार बदलने के बाद प्रदेश का वातावरण तेजी से बदला है। अधिकारियों के काम काज में कसावट आने लगी है। लेकिन आबकारी विभाग पर सरकार बदलने का अब तक कोई असर नहीं है। विभाग के अधिकारी आज भी पिछली सरकार के समय से चल रहे ओव्हर रेट के ढर्रे पर कायम हैं। खासकर रायपुर आबकारी विभाग ने परम्परा को आज भी जीवित रखा है।

हम आपको जानकारी देते चलें कि प्रदेश की राजधानी रायपुर से सरकार को सर्वाधिक एक्साइज कर मिलता है। इसके अलावा रायपुर जिले के शराब दुकानों में ओव्हर रेट का कारोबार भी जमकर फल फूल रहा है। प्लेसमेन्ट कर्मचारी..आबकारी अधिकारियों के सहयोग और स्थानीय रसूखदारों के शह पर ओव्हर रेट का कारोबार जमकर चला रहे हैं।

अभनपुर स्थित नयापारा मदिरा दुकान में सीएसएमसीएल से प्लेसमेन्ट कम्पनी का ब्लैक लिस्ट कर्मचारी राकेश ढिढी प्रति बोतल दस रूपए की दर से कोचियों को शराब बेचा जाता है। इसकी जानकारी विभाग के कमोबेश सभी अधिकारियों को है। यही कारण है कि सब कुछ जानकार भी अधिकारी प्लेसमैन्ट कर्मचारी को ना केवल संरक्षण देते हैं। बल्कि ओव्हर रेट से प्रतिदिन दो लाख रूपयों की कमाई कर रहे हैं।

अभनपुर स्थित नयापारा मदिरा दुकान में सीएसएमसीएल से प्लेसमेन्ट कम्पनी का ब्लैक लिस्ट कर्मचारी राकेश ढिढी प्रति बोतल दस रूपए की दर से कोचियों को शराब बेचा जाता है। इसकी जानकारी विभाग के कमोबेश सभी अधिकारियों को है। यही कारण है कि सब कुछ जानकार भी अधिकारी प्लेसमैन्ट कर्मचारी को ना केवल संरक्षण देते हैं। बल्कि ओव्हर रेट से प्रतिदिन दो लाख रूपयों की कमाई कर रहे हैं।

इन दुकानों में जमकर धांधली

सूत्र ने बताया कि तिल्हा, नेवरा, टंटवा में देशी मदिरा दुकान का संचालन किया जाता है। इन तीनों दुकानों से प्रतिदिन कई लाख रूपयो का राजस्व मिलता है। कहने को तो दुकान का संचालन आबकारी विभाग करता है। लेकिन सभी दुकानों पर श्रवण गुप्ता का फरमान चलता है। श्रवण गुप्ता प्लेसमेंट कंपनी कर्मचारी अनिल के साथ प्रति बोतल दस रूपए का कारोबार करता है। सूत्र की माने तो इन तीन दुकानों से प्रतिदिन करीब 6 लाख रूपयों की वसूली होती है। जब शराब के शौकीन ओव्हर रेट का विरोध करते हैं तो उन्हें डांट डपटकर भगा दिया जाता है। मजबूरी में शराब प्रेमियों ओव्हर रेट में शराब खरीदना पड़ता है।

खरोरा–प्रतिदन दो लाख की लूट

इसी तरह जिले के खरोरा मदिरा दुकान में विवेक नाम का एक बाहरी व्यक्ति का रसूख चलता है। प्लेसमेन्ट कर्मचारी और विभाग के अधिकारी प्रति बोतल ओव्हररेट में शराब की बिक्री करते हैं। कोचियों को भी दस रूपए अतिरिक्त भुगतान के साथ शराब बेचने का कारोबार विवेक धड़ल्ले से करवाता है। इस तरह एक दिन में विवेक को दो लाख का मुनाफा होता है।

गंजपारा में प्रतिदिन एक लाख की लूट

सूत्रों ने बताया कि गंजपारा मदिरा दुकान में दस रूपयो की अतिरिक्त दर से प्रति दिन एक लाख रूपयों की कमाई होती है। यद्यपि पूरे प्रदेश में चखना दुकान प्रतिबंधित है। लेकिन गंजपारा मदिरा दुकान में ना केवल चखना सेन्टर का संचालन होता है। बल्कि चखना दुकान संचालक ओव्हर रेट में शराब बेचकर प्रतिदिन एक लाख रूपयों से अधिक कमाता है।

अधिकारी और प्लेसमेन्ट की मिलीभगत

समझने वाली बात है कि पूरे प्रदेश में ओव्हर रेट और चखना दुकान संचालन को लेकर सरकार बहुत सख्त है। बावजूद इसके रायपुर के इन बड़ी दुकानों में प्लेसमेन्ट कर्मचारी अधिकारियों के साथ धड़ल्ले से अवैध कारोबार को अंजा दे रहे है। इतना ही नहीं चखना दुकान का भी संचालन कर रहे हैं। लोगों की माने तो शायद रायपुर आबकारी विभाग को शासन की तरफ से विशेष छूट है। संभव हो कि इसी कारण अधिकारी और प्लेसमेन्ट कर्मचारी धड़ल्ले से रोजना शराब प्रेमियों की जेब से दस लाख से अधिक रूपयों की अवैध वसूली कर रहे हैं।

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