सरकार के ढांक – तोप और खोखले दावे को मौत की सच्चाई ने नंगा कर दिया।

सरकार के ढांक – तोप और खोखले दावे को मौत की सच्चाई ने नंगा कर दिया।

आज के पोस्ट की शुरुआत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और महाकुंभ मेले में अकाल मौत मरने वाले मासूमों के दोषी योगी आदित्यनाथ के खोखले दावे से कर रहा हूं।

इस पूरे आयोजन में 40 करोड़ श्रद्धालु आयेंगे, लेकिन हमारी तैयारी 100 करोड़ श्रद्धालुओं की है – योगी आदित्यनाथ “

अगर 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था की गई है, और उसमें 40 करोड़ लोग आयें है तो अव्यवस्था कैसे हो गई ? अगर 100 करोड़ की व्यवस्था होती और 140 करोड़ आ जाते तो हम मानते ओव्हर क्राउड के कारण अव्यवस्था हो गई। वास्तव में आपकी 100 करोड़ की व्यवस्था थी तो 10 – 20 करोड़ लोग आपसे संभाले नही गये – शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद “

100 करोड़ लोगों का इंतजाम है। 40 करोड़ लोग आयेंगे अर्थात जीवित चलायमान लोगों का सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गिन लें रहे हैं, लेकिन मृत शवों की गिनती में दोगलई क्यों ? शवों की गिनती में इतना विरोधाभास क्यों ? भारत की जनता ऐसे सरकारों के चाल, चरित्र, और चेहरे को अच्छी तरह पहचानतीं है।

आमजनता, साधू – संत सहित सत्तापक्ष के विधायक ने मोर्चा खोला !

महाकुंभ मेले में हुए हादसे को लेकर पक्ष‌ – विपक्ष, साधू – संत के अलावा सत्तापक्ष के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ( विधायक, लोनी गाजियाबाद ) ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते हुए यहां तक कह दिया कि यह हादसा नहीं हत्या है। किसी को भी बख्शा नही जाता चाहिए, दोषियों पर मुकदमा कायम होना चाहिए। उन्होंने महाकुंभ मेले में हुई घटना के लिए प्रदेश के चीफ सेकेट्री को जिम्मेदार ठहराया है।

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