मंगलवार (31 जनवरी) से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के शुरुआती दो दिन (मंगलवार और बुधवार), दोनों सदनों में शून्य काल की कार्यवाही नहीं होगी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में यह जानकारी दी है. शून्यकाल के दौरान, जन महत्व से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों को दोनों सदनों के प्रमुख को उसी दिन बताकर उठाया जा सकता है.
प्रस्तावित सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन मौजूदा वर्ष की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी.
बजट सत्र के अगले दिन (बुधवार को) लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. बाद में बजट को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
बुलेटिन के अनुसार, ”सांसदों को सूचित किया जाता है कि 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होने और एक फ़रवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कारण दोनों दिन शून्यकाल नहीं होगा. सदस्यों को सूचित किया जाता है कि शून्यकाल के दौरान उठाए जाने वाले बहुत ज़रूरी के मामले दो फ़रवरी से उठाए जा सकते हैं.”
दो फ़रवरी से दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी. उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में जवाब देंगे.
बजट सत्र का आयोजन दो भाग में होगा. पहला भाग 13 फ़रवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल के बीच आयोजित होगा.