छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के समीप इन दिनों सिहोर वाले प्रसिद्ध कथावाचल पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा चल रही है. उन्होंने आज की कथा में कहा कि जो कैलाश की यात्रा में नहीं जा सकते वो एक बार जशपुर के मधेश्वर महादेव की यात्रा जरूर करें.
बता दें कि मधेश्वर महादेव शिवलिंग छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के घने जंगलों के बीच स्थित है. यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक ऊर्जा और अद्भुत शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार, भगवान शिव का यह धाम दिव्य ऊर्जा से भरपूर है और श्रद्धालुओं को वैसी ही अनुभूति कराता है, जैसी कैलाश यात्रा के दौरान होती है. इसलिए जो भी भक्त किसी कारणवश कैलाश नहीं जा सकते, वे मधेश्वर महादेव आकर शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं. जशपुर का यह धार्मिक स्थल न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर के शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनता जा रहा है. मधेश्वर पहाड़ जशपुर का एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. यह स्थल शांति और ध्यान के लिए उपयुक्त है. यहां अक्सर श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं.