रायपुर। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने के मकसद से कई प्रयास किए गए हैं।फिजियोथैरेपिस्ट गीतेश अमरोहित ने छत्तीसगढ़ी वर्णमाला बनाई है। वे कहते हैं, अगर बच्चे पढ़ाई की शुरुआत में ही छत्तीसगढ़ी से अक्षर ज्ञान नहीं कर पाएंगे और छत्तीसगढ़ी के बारहखड़ी, पशु पक्षियों के नाम, वनस्पतियों के नाम, फलों के नाम को नहीं समझ पाएंगे तो छत्तीसगढ़ी में उच्च स्तर की शिक्षा कैसे संभव हो सकेगी। इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने छत्तीसगढ़ी वर्णमाला का चार्ट तैयार की है। इसमें छत्तीसगढ़ी में गिनती, पहाड़ा, पक्षियों के नाम, शरीर के भाग, नापतोल, सप्ताह माह व दिनों के नाम, दिशाओं के भी चार्ट अलग से तैयार किए गए हैं।
आपको बता दे मंत्रालय के कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ी भाषा में आवेदन देना शुरू किया है । राजभाषा आयोग द्वारा मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए तीन दिवसीय प्रशिक्षण के कारण मंत्रालय के कर्मचारियों ने राजभाषा में अवकाश का आवेदन देना शुरू किया।