सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का हमेशा मानना है कि धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है। धर्म का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। कांग्रेस और बीजेपी की राम भक्ति में बेसिक अंतर यही है हम अपने आध्यात्मिक, शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए हमारा भगवान राम से वर्षों से नाता रहा है जबकि बीजेपी ने भगवान राम से नाता सिर्फ अपने राजनीतिक उत्थान के लिए बनाया है। बीजेपी से सवाल करते हुए पूछा कि अपूर्ण श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की बात क्यों हो रही है? ये इसलिए किया जा रहा है ताकि लोकसभा चुनाव से पहले उसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके। भाजपा कौन होती है इसका राजनीतिक लाभ लेने वाली? बीजेपी ने अपूर्ण मंदिर के उद्घाटन का फैसला क्यों लिया?मंदिर के पूर्ण होने तक इंतजार किया जाना चाहिए। रामनवमी के दिन मंदिर का उद्घाटन किया जाना चाहिए था। केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है और आरोप उल्टे दूसरे दलों के ऊपर मढ़ा जा रहा है।