उत्तर प्रदेश (UP) निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में दूसरे पक्षों को भी नोटिस दिया है और तीन हफ्तों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। बता दें, हाई कोर्ट ने पिछले साल 27 दिसंबर को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई ओबीसी अधिसूचना को खारिज कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की खंडपीठ ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को स्थानीय निकायों में कोटा देने के लिए ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन पर 31 मार्च तक एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ओबीसी आयोग का गठन हो चुका है और वह मार्च तक अपना काम पूरा कर लेगा।
पिछले साल 27 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने शहरी निकायों के चुनावों में ओबीसी के लिए आरक्षण पर रोक लगा दी थी। साथ ही आरक्षण के लिए अधिसूचना के मसौदे को रद्द कर दिया था। पीठ ने चुनाव आयोग को चुनाव के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने का भी आदेश दिया था। यह आदेश 17 नगर निगमों के महापौरों, 200 नगर परिषदों के अध्यक्षों और 545 नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षित सीटों की अंतिम सूची जारी करने के राज्य सरकार के कदम पर आपत्ति जताने वाली एक याचिका के बाद आया।