छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार-भाटापारा ज़िले में सतनामी समाज के जैतखाम में हुई तोड़फोड़ से नाराज़ भीड़ ने, सोमवार को कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी.
ज़िले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत, तहसीलदार के कार्यालयों में आगजनी के अलावा भीड़ ने वहां खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “हज़ारों की संख्या में भीड़ पहुंची और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. इस हमले में कुछ पुलिसकर्मियों को चोट भी आई है. इसके बाद उग्र भीड़ ने तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया.”
इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव के साथ एक आपात बैठक बुलाई है. इधर, राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा भी दिल्ली से रायपुर पहुंचे हैं.
दिल्ली से लौटते ही बलौदा बाजार घटनास्थल का जायजा लेने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा , मंत्री दयाल दास बघेल ,मंत्री टंकराम वर्मा कलेक्टररेट परिसर पहुचे।
छत्तीसगढ़ की एक बड़ी आबादी सतनामी समाज की है, जो अपने धर्म गुरु बाबा घासीदास को मानते हैं. इस समाज का सफ़ेद पताका खंबे पर लगाया जाता है, जिसे पवित्र माना जाता है.
आरोप है कि बलौदा बाज़ार-भाटापारा में सतनामी समाज के मुख्य धर्मस्थल गिरौदपुरी के पास, एक जैतखाम और पूजा स्थल में पिछले महीने की 15 तारीख़ को कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की थी.
पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन सतनामी समाज का आरोप है कि इस मामले के असली आरोपियों को पुलिस बचा रही है.
इसके बाद पिछले तीन दिनों से सतनामी समाज के लोग बलौदा बाज़ार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे.
रविवार को इस मामले में राज्य के गृहमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की थी. लेकिन समाज के लोग सीबीआई की जांच की मांग पर अड़े रहे.
इसके बाद सोमवार को हज़ारों की संख्या में सतनामी समाज के लोग, कलेक्टर, एसपी, पंचायत और तहसील कार्यालय में पहुंचे और उन्होंने तोड़फोड़ शुरु कर दी.
इसी दौरान पुलिस के साथ झूमा झटकी भी हुई और फिर भीड़ ने सरकारी कार्यालयों में आग लगाना शुरु कर दिया. भीड़ इतनी उग्र थी कि आग बुझाने के लिए पहुंची दमकल की दो गाड़ियों में भी आग लगा दी गई.
पुलिस का कहना है कि मामले में संदिग्ध लोगों की पहचान की जा रही है.