लोकतंत्र की जय, ‘गन’तंत्र पर गणतंत्र पड़ा भारी, नक्सलगढ़ में 40 साल बाद 130 केंद्रों पर हुई वोटिंग

लोकतंत्र की जय, ‘गन’तंत्र पर गणतंत्र पड़ा भारी, नक्सलगढ़ में 40 साल बाद 130 केंद्रों पर हुई वोटिंग

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 17 फरवरी 2025 एक नए इतिहास को लिख गया है. घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी लोगों ने पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और मतदान किया. नक्सलियों का खौफ लोगों के भीतर से बाहर निकला. लोगों ने घर से बाहर निकाल कर मतदान किया. यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है.

तीन चरणों में हो रहा पंचायत चुनाव: छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहा है. कुल सभी जिलों के 53 ब्लॉक में वोटिंग हुई. जिसमें सरपंच, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य के लिए वोट डाले गए . आपको बता दें की तीन चरणों में हो रहे मतदान में पहले चरण का मतदान 17 फरवरी को हुआ. जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 फरवरी और तीसरे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा.

पहले चरण के मतदान ने लिखा नया अध्याय: 17 फरवरी को हुए मतदान ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया. जब छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान की प्रक्रिया हुई. सुकमा और बीजापुर जिले के 130 से अधिक ऐसे मतदान केंद्र रहे हैं जहां पर नक्सलियों का खौफ चरम पर रहता था. यहां पिछले 40 सालों से मतदान हुआ ही नहीं था. 17 फरवरी को इन सभी 130 से अधिक मतदान केंद्रों पर 40 साल के बाद मतदान हुआ है. जो यह बताता है कि नक्सल की समस्या पर लोग अलग राय रखने लगे हैं. बुलेट पर बैलेट भारी पड़ रहा है.

सीएम साय ने बताया लोकतंत्र की जीत: पहले चरण के हुए मतदान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि ऐसी खबरें आत्मिक संतोष देती है कि बस्तर संभाग में अब बुलेट की जगह बैलेट का जोर चल रहा है. सुकमा और बीजापुर जिले के 130 से अधिक मतदान केंद्रों में 40 साल बाद वहां के ग्रामीणों ने मतदान किया है. यही नहीं नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव में ग्रामीणों ने इस बार मतदान करने के लिए उत्साहित दिखे हैं. पहली बार ऐसा हुआ है जब बस्तर संभाग में नक्सलियों ने पंचायत चुनाव का विरोध नहीं किया है. हमारी सरकार द्वारा उन अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में 40 से अधिक नए कैंप को स्थापित करने से यह संभव हुआ है.

बस्तर में कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत पर अंतिम कील ठोकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है. यहां के लोगों के लिए नासूर बन चुके नक्सलियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के और गृहमंत्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप 26 मार्च तक इनका खत्म तय है. बस्तर संभाग के इन सभी ग्रामीणों को बधाई एवं शुभकामनाएं. सुरक्षा बल के जवानों को सहृदय अभिनंदन यही है Gunतंत्र पर गणतंत्र की विजय, जय बस्तर जय छत्तीसगढ़-

पंचायत चुनाव में नक्सलगढ़ के वोटरों के उत्साह ने यह साबित कर दिया कि अब नक्सलवाद का खौफ जनता पर नहीं है. जनता विकास चाहती है और लोकतंत्र में उनका अटूट विश्वास है.

Chhattisgarh