मरवाही में दल से भटककर पहुंचे इकलौता दंतैल हाथी ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। इससे लोग दहशत में हैं। वन विभाग की टीम उस पर नजर रख रही है।
जिले में हो रही गजदल से हानि को देखते हुए टीम मुस्तैद है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की ओर से सीमा में इस ओर हाथी को घुसने से बचाने के लिए उपाय करना शुरू कर दिया है। बीते दस दिनों से मरवाही रेंज में सिवनी और घुसरिया इलाके में एक दंतैल हाथी भटककर पहुंचा हुआ है और बीते चौबीस घंटे में इसने सिवनी और कुम्हारी गांवों में चार मकानों को तो नुकसान पहुंचाया ही साथ ही सिवनी, कुम्हारी और चिचगोहना में दस किसानों की फसलों और बाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया है। वनविभाग के रेंजर को लोगों ने सूचना देकर जागरूक कर रहे हैं। वहीं लोगों ने मरवाही रेंजर पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया है। हाथी की मौजूदगी और उत्पात मचाने से आधा दर्जन गांव के लोग दहशत में है और रतजगा करने के लिए मजबूर हैं। वहीं इस हाथी की गतिविधि पर पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेशके सीमावर्ती जिले अनूपपुर के वनविभाग ने हाथी की आवाजाही को रोकने के लिए उपाय अपनाना शुरू कर दिए हैं।
अनूपपुर जिले के जैतहरी वनपरिक्षेत्र के चोलना बीट के गूजरनाला में प्रवेश की संभावना को देखते हुये चिली फेंसिंग कराया है ताकि हाथी मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं कर सके। इसके पहले भी हाथियों का दल इसी रास्ते से छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं इसमें एक बार 23 हाथियों का दल, दूसरी बार पांच हाथियों का दल तो वहीं तीन हाथियों का दल त्रिदेव नाम के हाथी के नेतृत्व में दोनों राज्यों की सीमा में लगातार विचरण करते रहे और जमकर नुकसान भी पहुंचाया है। अब इस हाथी को लेकर जहां मध्यप्रदेश का प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम कर रखे हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ के मरवाही
वनविभाग का उदासीन रवैया लोगों की चिंता बढ़ा रहा है।