जल संसाधन अपने अतिशेष इंजीनियरों को प्रतिनियुक्ति पर खपाने की तैयारी में

जल संसाधन अपने अतिशेष इंजीनियरों को प्रतिनियुक्ति पर खपाने की तैयारी में

जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपने अतिशेष इंजीनियरों को दूसरे विभागों में खपाने की तैयारी में है। विभाग के अधीक्षण अभियंता (प्रशासनिक) ने छह विभागों को पत्र लिखकर कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंताओं को प्रतिनियुक्ति पर देने मांगपत्र मांगा है।

जल संसाधन विभाग में इंजीनियरों को दूसरे विभाग विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। दरअसल जल संसाधन विभाग की ओर से प्रदेश के उन विभागों को पत्र लिखकर अपने विभाग से कार्यपालन और सहायक अभियंता देने के लिए मांगपत्र मांग की जा रही है, जो निर्माण कार्य कराते हैं।

इसी कड़ी में पांच फरवरी 2024 को जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता (प्रशासनिक) ने छह विभागों को पत्र लिख है। इसमें उन्होंने जल संसाधन विभाग से कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता (दोनों सिविल) देने के लिए मांगपत्र मांगा है। जानकारी के अनुसार इन दिनों जल संसाधन विभाग के 60 से भी अधिक अतिशेष इंजीनियर हैं। इन्हें दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर देकर खपाने की तैयारी चल रही है।

इन विभागों को लिखा पत्र

0 मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण विकास भवन सिविल लाइंस रायपुर

0 संचालक राजीव गांधी शिक्षा मिशन, रायपुर छग

0 आयुक्त नगरीय प्रशासन, रायपुर

0 मुख्य तकनीकी परीक्षक इंद्रावती भवन नवा रायपुर अटल नगर

0 संचालक, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन नवा रायपुर अटल नगर

0 संचालक, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन नवा रायपुर अटल नगर

0 मुख्य कार्यपालन अधिकारी नवा रायपुर विकास अभिकरण नवा रायपुर अटल नगर

गड़बड़ी को इस तरह से समझें

0 उप अभियंताओं को विभाग में सहायक अभियंता की कमी बताकर कार्यपालन अभियंता बनाने से सीधी भर्ती से आने वाले सहायक अभियंताओं को वरिष्ठता की गंभीर क्षति होगी।

0 उप अभियंता से पदोन्नत अभियंता वरिष्ठ हो जाएंगे और सीधी भर्ती वाले उनसे कनिष्ठ सहायक अभियंता बनेंगे।

0 इसका दुष्परिणाम सीधी भर्ती वालों को अपने शासकीय सेवाकाल में आजीवन भुगतना पड़ेगा।

चार साल के लिए नियुक्ति, सालों से है पोस्टिंग

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि की अधिकतम समय सीमा चार वर्ष है, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पीएमजीएसवाई में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले जल संसाधन विभाग के इंजीनियर रिटायरमेंट तक पीएमजीएसवाई से वापस आने तैयार नहीं होते और विभाग उन इच्छाधारियों की मनोकामना पूरी करने में पूरा सहयोग करता है। वर्तमान में कई ऐसे इंजीनियर हैं जो सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं।

अधिकारी मंत्री को देते हैं झूठी जानकारी

कांग्रेस शासन काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री टीएस सिंहदेव ने जल संसाधन विभाग से पीएमजीएसवाई और एमएमजेएसवाई में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंताओं के कार्यकाल को लेकर जानकारी मांगी थी। इस पर मंत्री के विशेष सहायक को तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी छग ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण रायपुर आलोक कटियार ने झूठी जानकारी दी कि प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अभियंताओं के कार्यकाल को लेकर शासन की ओर से कोई निश्चित समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है।

पदोन्नत कर अतिशेष अभियंताओं की बढ़ोतरी समझ से परे

जल संसाधन विभाग में बड़ी संख्या में पहले से अतिशेष अभियंता मौजूद हैं तो फिर पदोन्नत कर अतिशेष अभियंताओं की संख्या में वृद्धि करने का निर्णय अजीबो-गरीब है। दरअसल इसके पीछे अनियमितताओं को अंजाम देना है। उच्च अधिकारियों की मिलीभगत भी साफतौर पर उजगार होती है।

इन्होंने कहा

जल संसाधन विभाग के अलावा अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पद की जानकारी लेते हुए पदोन्नति करना गलत है। अपने जल संसाधन के रिक्त पदों में भर्ती व पदोन्नति करनी चाहिए। कुछ उप अभियंता प्रतिनियुक्ति पर आए थे उनकी पदोन्नति करते हुए उसी विभाग में पदस्थ कर दिया गया है। इससे मूल विभाग में कार्यरत इंजीनियरों की वरिष्ठता पर क्षति होगी।

हंसराज साहू, प्रांतीय अध्यक्ष आरईएस विभागीय समिति अभियंता संघ

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