हम बस्तर में शांति और पुनर्निर्माण की अपील करते हैं.

हम बस्तर में शांति और पुनर्निर्माण की अपील करते हैं.

बस्तर शांति समिति के 70 नक्सल पीड़ितों ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. सभी लोगों ने राष्ट्रपति से नक्सलवाद को लेकर अपील की है. इस अपील में उन्होंने कहा कि बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कराया जाए. सभी नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति को बताया कि कैसे माओवादी हमले में उनका जीवन तबाह हो चुका है.

“चार दशकों से बस्तर नक्सलवाद से जूझ रहा”: बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाड़े ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बस्तर में चार दशकों से जारी नक्सलवाद हिंसा के बारे में बताया. हमने बताया कि कैसे बीते चार दशकों से बस्तरवासी नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं. माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं. बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने हमारे जीवन को तहस नहस कर दिया है. विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी हम पूरी तरह टूट चुके हैं.

माओवादियों ने हमारे घरों, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है. बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं. आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं. जहां एक ओर देश के अन्य हिस्सों में लोग आजादी का आनंद ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं”:

हम बस्तर में शांति और पुनर्निर्माण की अपील करते हैं. बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने चेहिए. बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर. राष्ट्रपति से हमने आग्रह किया है कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए प्रयास किए जाएं. जिससे बस्तर में शांति और लोगों का सामान्य जीवन लौट सके”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को सुना. उन्होंने लोगों का आश्वासन दिया कि बस्तर में शांति और विकास के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी. राष्ट्रपति ने कहा कि” बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही बस्तर के लोगों को राहत मिलेगी”

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