उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईआईटी बीएचयू में एक छात्रा से गैंगरेप के मामले में अभियुक्तों को ज़मानत दे दी है.
गैंगरेप के अभियुक्तों को ज़मानत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसा. साथ ही उन्होंने कोर्ट में पैरवी को लचर बताया और उस पर भी सवाल उठाए.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी के रूप में काम करने वाले बीएचयू गैंगरेप के तीन अभियुक्तों में से दो को ज़मानत मिलने की ख़बर निंदनीय भी है और चिंतनीय भी.
उन्होंने कहा है कि सवाल ये है कि “दुष्कर्म करने वालों की कोर्ट में लचर पैरवी करने का दबाव किसका था.”
अखिलेश यादव ने लिखा कि “ये देश की बेटियों का मनोबल गिराने की शर्मनाक़ बात है, कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गए बल्कि ऐसी भी ख़बरें हैं कि भाजपाई परम्परानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है.”
उन्होंने कहा है कि भाजपा इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी?
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में देश की महिला एंकरों और पत्रकारों से भी सवाल किए हैं.
उन्होंने लिखा, “आशा है सच्ची पत्रकारिता करने वाली सभी महिला एंकर इसके बारे में अपना एक शो ज़रूर करेंगी.”
उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, “हम बीजेपी-संबद्ध उन तथाकथित ‘ईमानदार’ पत्रकारों से भी रस्म अदायगी के स्तर पर ही सही, उनके महिला होने के नाते इतनी उम्मीद तो कर सकते हैं कि वो बोलेंगीं नहीं, लेकिन इस ज़मानत को सही ठहराने के लिए कुतर्क करने वाले भाजपाई प्रवक्ताओं को कम से कम टोकेंगी तो, उन सबसे इससे ज़्यादा की उम्मीद रखना बेमानी है.”
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा स्पष्ट करे कि क्या देश के ‘प्रधान संसदीय’ क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं को दुष्कर्म करने की विशेष छूट और स्वतंत्रता मिली हुई है?