महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री- माझी लाडकी बहीण योजना को लेकर नए वाद विवाद का दौर शुरू हो गया है.
विपक्षी नेताओं ने इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी के ढाई साल के कार्यकाल पर सवाल उठाए.
शिव सेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा था, “लाडकी बहीण योजना की इस सरकार को तब याद आई जब भाजपा चुनाव हारने लगी है.”
“इस योजना के बारे में ये जो पहले 15 हज़ार की बात कर रहे थे अब 1500 रुपये पर आ गए हैं. जब इनकी सरकार वापस चुनी जाए तो ये 150 रुपये पर आएंगे. हम ये कहना चाहते हैं कि महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने वाली है और हम ये लाडकी बहीण योजना बनाकर दिखाएंगे.”
एनसीपी (शरद पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “कोई योजना महाराष्ट्र में चलने वाली नहीं है. इस कारण राज्य सरकार ने आरबीआई से कहा कि एक हफ्ते में 3000 करोड़ रुपये दे दीजिए.?”
उन्होंने कहा, “आज़ादी के बाद इस देश के इतिहास में कोई ऐसा राज्य नहीं रहा जिसने एक हफ़्ते में ही 3000 करोड़ रुपये मांगे हों…वे इस पैसे को कैसे वापस करेंगे?”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण योजना को लेकर विपक्ष वाले पहले दिन से विरोध में थे. इस कारण कोर्ट में भी गए. इनका काम है सिर्फ कहना.”
शिंदे ने कहा, “हम जो बोलते है, वो करते हैं. सभी लोगों के लिए हमने योजना बनाई है. विपक्ष को पता है कि लोकसभा वाली बात नहीं रही है. हमारा जनता से लेना-देना है.”
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत तक होने हैं, लेकिन अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई है.