झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने जन्मदिन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उनके जेल से रिहा होते वक्त हाथ पर लगाए गए निशान के साथ एक पोस्ट डाली है.
हेमंत सोरेन ने लिखा है कि ‘आज अपने जन्मदिन के मौक़े पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है. वह है यह कैदी का निशान, जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया.’
उन्होंने कहा, “यह निशान केवल मेरा नहीं बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है”
उन्होंने कहा, “जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों, दलितों और शोषितों के साथ क्या करेंगे यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है.”
हेमंत सोरेन ने कहा है कि इसलिए आज के दिन मैं और ज़्यादा कृतसंकल्पित हूं हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मज़बूत करता हूं.
उन्होंने कहा, “मैं हर उस व्यक्ति और समुदाय के लिए आवाज़ उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जिसे न्याय से वंचित रखा गया है. जिसे उसके रंग, समुदाय, खान पान और पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है. हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां क़ानून सभी के लिए समान हो और जहां सत्ता का दुरुपयोग न हो.”
हेमंत सोरेन ने कहा है कि हां, यह रास्ता आसान नहीं होगा. हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं क्योंकि हमारे देश की एकता और विविधता में ही हमारी शक्ति है.