सीएए कानून से जुड़े नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने एक्स पर लिखा है, ”आप क्रोनोलॉजी समझिए. पहले इलेक्शन सीज़न आएगा फिर सीएए रूल्स आएंगे. सीएए के ख़िलाफ़ हमारा विरोध बरक़रार है. ये विभाजनकारी क़ानून है और गोडसे के विचारों पर बना है. वो विचार जो भारत के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना देना चाहते हैं.”
उन्होंने लिखा है, ”धर्म के नाम पर जिसका भी उत्पीड़न हो रहा है उसे राजनीतिक शरण दीजिये लेकिन नागिरकता का आधार धर्म या राष्ट्रीयता नहीं होनी चाहिए.”
“सरकार बताए कि उसने इस नियम को पांच साल तक टाले क्यों रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. एनपीआर-एनआरसी के साथ ही सीएए का मक़सद मुस्लिमों का टारगेट करना है. इसका और कोई दूसरा मक़सद नहीं है.”
ओवैसी ने लिखा है कि जो लोग सीएए, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे थे उनके लिए अब एक और बार इसके ख़िलाफ़ उतरने के अलावा और कोई चारा नहीं है.